इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में 01 जनवरी 1950 को जन्मे जाने माने शायर और मशहूर गीतकार राहत इंदौरी ने आज 70 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह गए।
देश और दुनिया में अपने करोड़ों प्रशंसकों के दिलों में राज करने वाले राहत इंदौरी बीते कुछ समय से अस्वस्थ चल रहें थे। बताया गया हैं कि वे चार-पांच दिनों से यहां के निजी अस्पताल में उपचारत रहें।
इस बीच एहतियातन उनकी कोरोना की जांच कराई गई। कल संक्रमित पाए जाने पर उन्हें यहां एक कोविड केयर निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां आज उन्होंने उपचार के बाद दम तोड़ दिया। उन्हें आज यहां खजराना स्थित कब्रिस्तान में सुपर्दे ए खाक किया गया।
इंदौर के एक श्रमिक परिवार में जन्मे राहत इंदौरी ने अपने जीवन में गजल, नज्म के साथ-साथ बॉलीवुड की मुन्ना भाई एमबीबीएस, मिशन कश्मीर और मर्डर जैसी दर्जनों हिंदी फिल्मों के लिए गीत लिखे। महज 17 वर्ष की आयु से शायरी की दुनिया में कदम रखने वाले राहत इंदौरी उर्दू भाषा में दक्ष अल्हड़ स्वाभाव के शायर थे।
उच्च शिक्षा के बाद उन्होंने इंदौर के एक महाविद्यालय में अध्यापन कार्य भी किया। उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा किताबे भी लिखीं। राहत इंदौरी अपने बेबाक अदांज़ और बेहतरीन शायरी के लिए पूरी दुनिया जाने जाते रहे हैं।
वो हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी अदबी दुनिया के लिए एक मिसाल रहे हैं। राहत इंदौरी की मौत अदबी दुनिया के लिए कभी न भरने वाला ज़ख्म साबित होगा। अपने पीछे राहत साहब उनकी पत्नी सीमा, दो बेटे सतलज और फैसल, एक बेटी जूही को छोड़ गए हैं।