भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की ओर से अब तक प्रत्याशियों की दो सूचियां जारी होने के साथ शेष प्रत्याशियों की घोषणा दो-तीन दिन में होने की संभावना जताई जा रही है। प्रदेश में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख नौ नवंबर है।
भाजपा की पहली सूची में 176 नाम शामिल थे। दूसरी सूची में 17 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। भाजपा ने भितरवार विधानसभा सीट से अनूप मिश्रा, कोलारस से वीरेन्द्र रघुवंशी, बिजावर से पुष्पेन्द्र पाठक, जबेरा से धर्मेन्द्र लोधी, अनूपपुर (सु) से रामलाल रौतेला, जबलपुर उत्तर से शरद जैन, जबलपुर पश्चिम से हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू , बिछिया (सु) से शिवराज शाह, निवास सुरक्षित से राम प्यारे कुलस्ते, मुल्ताई से राजा पंवार, बासौदा से लीना संजय जैन, कुरवाई (सु) से हरी सप्रे, ब्यावरा से नारायण पंवार, शुजालपुर से इंदर सिंह परमार, पेटलावद (सु) से निर्मला भूरिया, उज्जैन दक्षिण से मोहन यादव और बड़ानगर से जितेन्द्र पांड्या को प्रत्याशी बनाया है।
पहली सूची में शामिल एक प्रत्याशी देवी सिंह पटेल का आज सुबह निधन हो गया। बाकी बची ज्यादातर सीटें वे हैं, जिन पर कई नामों या पार्टी के बड़े नामों की दावेदारी के कारण घमासान मचा हुआ है।
पार्टी की पहली सूची में तीन मंत्रियों समेत करीब तीन दर्जन विधायकों के टिकट काट दिए गए थे। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी को सबसे ज्यादा मंथन भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर करना पड़ रहा है, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उनकी बहू कृष्णा गौर दावेदारी कर रहे हैं।
खबरों के मुताबिक इस सीट पर पार्टी इस बार किसी अन्य को उतारने का मन बना रही है। होशंगाबाद जिले की सिवनी-मालवा सीट भी पार्टी के लिए परेशानी का सबब साबित हो रही है। यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह की दावेदारी है।
पार्टी के लिए इंदौर की सभी सीटें, विदिशा की शमशाबाद और गंजबासौदा, पन्ना, ग्वालियर की भितरवार और जबलपुर उत्तर भी प्रत्याशी चयन के लिए जद्दोजहद वाली साबित हो रही हैं।
कांग्रेस ने अब तक 171 सीटों पर अपने दावेदारों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) से गठबंधन करते हुए जयस प्रमुख डॉ हीरालाल अलावा को भी टिकट दिया है।
दोनों ही दलों को प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बगावत से भी जूझना पड़ रहा है। कई सीटों पर घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ उन्हीं क्षेत्रों के अन्य दावेदार सक्रिय हो गए हैं। भाजपा के एक विधायक वेल सिंह भूरिया अपना टिकट कटने पर अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री निवास पहुंच गए थे। वहीं कई विधायकों के समर्थकों ने स्थानीय पार्टी कार्यालय पर भी डेरा डाला।
झाबुआ क्षेत्र में स्थानीय सांसद कांतिलाल भूरिया के परिजन को टिकट का दावेदार बनाए जाने पर कांग्रेस में भी बगावत के सुर सुनाई दिए। पार्टी की विजयराघवगढ़ और तेंदूखेड़ा सीटों पर भाजपा से हाल ही में अाए नेताओं को प्रत्याशी बनाने का भी स्थानीय कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं।