बैतूल. मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में करीब ढाई हजार एकड़ में बहुमूल्य धातु यूरेनियम के पाए जाने की खबर सामने आई है।जिले के विभिन्न हिस्सों में करीब एक साल से यूरेनियम के मिलने की संभावना के मद्देनजर कई इलाकों में उच्च तकनीकों के माध्यम से तलाश की जा रही थी।
केंद्र सरकार के इस अभियान में खोजी दल को घोड़ाडोंगरी में उम्मीद से ज्यादा यूरेनियम बरामद होना बताया जा रहा है।खोज कार्य में जुटे कर्मचारियों और अधिकारियों के मुताबिक ब्लॉक में लगभग ढाई हजार एकड़ में यूरेनियम की मात्रा पाई गई है, लेकिन इसे पब्लिक सेक्टर में आने में लगभग 10 से 12 वर्ष का समय लग सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी ने भी इसकी अभी पुष्टि नहीं की है।
बताया जा रहा है कि घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में यूरेनियम की खोज का काम सोमवार को पूरा करने के बाद खोज दल छिंदवाड़ा के लिए रवाना हो गया है। सर्वे के बाद संपूर्ण डाटा अधिकारियों को सौंपा जाएगा, जिसके बाद यूरेनियम को चिह्नित कर उसे बाहर निकाला जाएगा।
इन सभी कार्यों को पूरा करने में लगभग 10 से 12 वर्ष का समय लग सकता है।ब्लॉक में इतनी मात्रा में यूरेनियम मिलने की वजह से यहां रोजगार की संभावनाएं भी कई गुना बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। मध्यप्रदेश में संभवत: पहली बार यूरेनियम पाया गया है।
प्रदेश में यूरेनियम की संभावना जाहिर होने पर पिछले साल जिले के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर बोरिंग की गई थी और हेलीकॉप्टर में अत्याधुनिक कैमरे लगाकर सर्वे शुरू किया गयाथा। परमाणु खनिज निदेशालय ने मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के सूरजपुर तथा राजनांदगांव में भी इस दुर्लभ खनिज की तलाश शुरु की थी।
भारत में आंध्रप्रदेश के तम्मलपल्ली और झारखंड के जादूगोड़ा में यूरेनियम की बड़ी खदानें हैं। यूरेनियम का मुख्यत: उपयोग परमाणु बम बनाने और बिजली उत्पादन में होता है।