भोपाल। पिछले एक सप्ताह से मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापटक अब चरम पर पहुंच गई लगती है। राज्य की कमलनाथ सरकार से कथित तौर पर नाराज बताए जा रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की दिल्ली में सक्रियता और उनके समर्थक लगभग सत्रह मंत्री और विधायकों को कथित तौर पर बेंगलूरु में रखे जाने की सूचना के बाद यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ पिछले चार घंटों से अपने निवास पर महत्वपूर्ण बैठकें ले रहे हैं।
इस बीच मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने होली होने के बावजूद मंगलवार की शाम सात बजे यहां प्रदेश पार्टी कार्यालय में विधायक दल की बैठक बुलाई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते लगभग तीन दिनों से दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं और उनकी केंद्रीय नेतृत्व से अनेक दौर की चर्चाएं हुई हैं।
वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बदलकर शाम को दिल्ली से भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री निवास पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अपने मंत्रियों और विश्वस्तों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री निवास के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है। कमलनाथ से मिलने मुख्य सचिव एस आर मोहंती और पुलिस महानिदेशक राजेंद्र कुमार भी पहुंचे। बताया गया है कि कमलनाथ सरकार ने मौजूदा हालातों के बीच कानूनी और वैधानिक विकल्पों पर भी चर्चा की, हालांकि अभी तक अधिकृत तौर पर कुछ भी बाहर नहीं आ सका।
राजनीतिक हलकों में वरिष्ठ नेता सिंधिया की ‘चुप्पी’ के मायने निकाले जा रहे हैं। बताया गया है कि सिंधिया मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाने के इच्छुक थे। इसके पहले उनके समर्थक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सिंधिया की ताजपोशी चाहते थे। समर्थकों ने पार्टी के आंतरिक मंच और कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर भी इस मांग को उठाया। लेकिन लगातार समय बीतने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
वहीं कल रात दिल्ली पहुंचे कमलनाथ ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और राज्य के राजनैतिक संकट का समाधान निकालने का प्रयास किया। लेकिन देर शाम कमलनाथ अचानक भोपाल लौटे। पहले सिंधिया के भी साथ आने की खबरें थीं, लेकिन वे नहीं आए और दिल्ली में दिन भर सक्रिय रहे, लेकिन इस दौरान सिंधिया की ओर से प्रयास किया गया कि इसकी भनक किसी को भी नहीं लगे। वहीं उनके समर्थक लगभग 17 मंत्री और विधायक भी दिल्ली पहुंचे और वहां से उन्हें बेंगलूरु ले जाए जाने की खबर है। वहां पर सभी को सख्त निगरानी में रखा गया है।
राज्य में मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जोड़ी पिछले एक सप्ताह से चल रहे सियासी ड्रामे को संभालने की कोशिश करते रहे। लेकिन आज शाम लगभग छह बजे मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने सरकारी आवास पर पहुुंचे। कुछ ही देर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी पहुंचे और अनेक मंत्री भी पहुंच गए। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने सभी से विभिन्न विकल्पों को लेकर चर्चा कीं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि अब राज्य की कांग्रेस सरकार पर संकट टालने में श्री सिंधिया का रुख महत्वपूर्ण साबित होगा। वहीं बताया गया है कि कांग्रेस और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी प्रदेश के संपूर्ण राजनीतिक हालातों पर नजर रखे हुए है। दरअसल मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है और नामांकनपत्र दाखिले की अंतिम तिथि 13 मार्च है। इसके अलावा महत्वपूर्ण बजट सत्र 16 मार्च से शुरू होगा।