सतना। मध्यप्रदेश पुलिस की रीवा एसटीएफ टीम एवं महाराष्ट्र की नागपुर पुलिस ने संयुक्त प्रयासों के बाद अंतरराज्यीय मानव तस्कर गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ा है।
गिरोह के सदस्य मैहर धाम से गायब हुई सात साल की एक बच्ची को नागपुर के एक वेश्या गृह में बेचने की तैयारी में थे। इसके पहले ही पुलिस ने उनके मंसूबे नाकामयाब कर दिए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अंतरराज्यीय गिरोह के तार मध्यप्रदेश, बिहार के छपरा तथा महाराष्ट्र के नागपुर से जुुड़े हैं।
सूत्रों ने बताया कि पांच मार्च को रीवा निवासी शिवलाल साकेत का परिवार अपने छोटे बेटे का मुंडन कराने मां शारदा धाम मैहर आया था। यहां इनकी बेटी आशिकी (7) परिजन से बिछड़ गई। परिजन पुलिस के पास पहुंचे।
पुलिस अधीक्षक रियाज़ इकबाल द्वारा गठित टीम ने इस बच्ची के बारे में सोशल मीडिया पर भी प्रचार किया। ऐसे में आरोपियों को भय सताने लगा कि वे पकड़े जा सकते हैं और उन्होंने उसे कहीं लावारिस छोड़ने की योजना बनाई।
इसी बीच अपहरणकर्ता बच्ची को रीवा से नागपुर ले गए, जहां उसके बाल कटवा कर उसे दूसरे कपड़े पहना कर उसकी पहचान छुपाने का प्रयास किया गया। इसके बाद उसे वापस रीवा के रायपुर कर्चुलियान ले आया गया, जहां आरोपी रानी तिवारी ने उसे अपने घर पर रखा। वहीं से मुखबिर की सूचना पर बच्ची को पुलिस ने बरामद कर लिया।
रानी तिवारी से पूछताछ के बाद उसके भतीजे राकेश तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी राकेश तिवारी ने पूछताछ में बताया कि उसकी बुआ रानी तिवारी के नागपुर में एक वेश्या ग्रह से संबंध हैं और कई बच्चियों की शादी पुरुष वर्ग से पैसे लेकर करवाती है। उसके पास छपरा से भी तीन लड़कियां आने वाली थीं।
उसने बताया कि बच्ची को उसकी बुआ को दिए जाने के ऐवज में उसे दो हजार रुपए प्राप्त हुए हैं। शेष राशि बच्ची को बेचे जाने के बाद प्राप्त होने वाली थी।
गिरफ्तार आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां पुलिस आरोपियों की पुलिस रिमांड की मांग करेगी। एक अन्य आरोपी रानी तिवारी का पति राजकुमार तिवारी बताया जा रहा है, जो फरार है। पुलिस महानिरीक्षक रीवा, चंचल शेखर ने पुलिस को मिली बड़ी सफलता के लिये बधाई दी और टीम को 30 हजार रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है।