चेन्नई। गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके अग्रज कलानिधि मारन को मद्रास उच्च न्यायालय से झटका लगा है। न्यायालय ने इस मामले में दोनों पर आरोपपत्र तय करने का आदेश दिया है।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 1.78 करोड़ रुपए के इस मामले में मारन बंधुओं को आरोप मुक्त कर दिया था। सीबीआई ने विशेष अदालत के इस निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी जिस पर दोनों पर फिर से आरोप तय करने के निर्देश के साथ मामला निचली अदालत को वापस भेज दिया गया।
सीबीआई की याचिका के खिलाफ मारन बंधुओं ने अपील की थी। न्यायाधीश जी जयचंद्रन ने मारन बंधुओं की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज करते हुए दोनों के खिलाफ 12 माह के भीतर मामले को पूरा करने का निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद इस मामले में मारन बंधुओं समेत सभी सात आरोपियों को सीबीआई मामलों में विशेष अदालत के समक्ष मुकदमे का सामना करना होगा।
विशेष अदालत के न्यायाधीश एस नटराजन ने 14 मार्च को मारन बंधुओं और अन्य पांच को इस आधार पर आरोप मुक्त कर दिया था कि उन पर प्रथम दृष्टया कोई मामला साबित नहीं होता है।
इस मामले में मारन बंधुओं के अलावा पूर्व मंत्री के निजी सचिव वी गोथामन, बीएसएनएल के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक के ब्रह्मनाथन, पूर्व उप महाप्रबंधक एम वेलूसामी, सन टीवी नेटवर्क के मुख्य तकनीकी अधिकारी के कन्नन और इलेक्ट्रिशन के एस रवि को निचली अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया था।