मदुरै। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने 2020 में तमिलनाडु के पुड्डुकोट्टई जिले में सात साल की दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में दोषी व्यक्ति को मृत्युदंड की सजा के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।
न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन और न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन की पीठ ने पुड्डुकोट्टई जिले की महिला अदालत की ओर से दोषी को दी गई मृत्युदंड की सजा को बरकरार रखा। पीठ ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि जब मनुष्य की मनोवृत्ति उस पशु जैसी हो जाए जिसे अन्य प्राणियों पर दया न आती हो तो उसे दण्ड देकर दूसरी दुनिया में भेज देना चाहिए।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 30 जून 2020 को अपने घर से लापता हुई लड़की अगले दिन पुडुकोट्टई जिले के एम्बाल गांव में अपने घर के पास एक तालाब में मृत पाई गई थी। उसके शरीर पर कई चोटें थीं।
आरोपी बच्ची का पड़ोसी था, जिसके खिलाफ पुलिस ने पॉक्सो की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुदुकोट्टई की महिला अदालत ने 29 दिसंबर-2020 को आरोपी को तिहरी मौत की सजा और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।