
मदुरै। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने तमिलनाडु सरकार को एक से ज्यादा विवाह करने वाले नौकरशाहों के खिलाफ मामला दर्ज कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।
न्यायमूर्ति एसएम सुब्रहम्णयम ने एक मृत पुलिसकर्मी की दूसरी पत्नी आर थेनमोझी की सेवानिवृत्त होने के बाद पति को मिलने वाली सुविधा पर अपना हक मांगने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि तमिलनाडु पेंशन कानून 1978 के अनुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी को फैमिली पेंशन पाने के लिए उसकी पत्नी का नाम नामित करना अनिवार्य है।
न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार के सचिव (कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार)को इस मामले में दिशानिर्देश जारी करते हुए सभी सरकारी कर्मचारी की पत्नी का नाम सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाना चाहिए।
उन्होंने अपने आदेश में कहा कि अगर कोई नौकरशाह एक से ज्यादा विवाह के मामले में दोषी पाया जाता है तो उसपर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा।
न्यायमूर्ति ने कहा कि उन्होंने देखा है कि गैरकानूनी विवाह के ज्यादातर मामले नौकरशाहों के नौकरी करने के दौरान सामने नहीं आते हैं बल्कि उनके सेवानिवृित या उनके निधन के बाद सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि एक से ज्यादा विवाह का मामला भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध माना गया है इसलिए अधिकारियों के लिए यह उचित होगा कि वह ऐसे मामलों से सावधानी बरतें।