तमिलनाडु का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर महाबलीपुरम इस समय देशभर में सुर्खियों में छाया हुआ है। इसकी वजह है चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात आज यहीं होने जा रही है। कल तक यह शहर गुमनाम बना हुआ था, लेकिन आज विश्व के दाे बड़े ताकतवर नेताओं के यहां आने से यह शहर भी एक बार फिर इतिहास दोहराने को तैयार है।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर समुद्र के किनारे बसे महाबलीपुरम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनौपचारिक मुलाकात होगी। शी जिनपिंग शाम 4 बजे महाबलीपुरम पहुंचेंगे। शाम 5 बजे 3 स्मारकों अर्जुन तपस्या, पांच रथ और शोर मंदिर जाएंगे।
शाम 6 बजे शोर मंदिर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में शरीक होंगे और 6.45 बजे पीएम मोदी के डिनर में शामिल होंगे। मोदी और जिनपिंग की मुलाकात से पहले जल,थल और नभ तीनों से सुरक्षा को लेकर तगड़े इंतजाम किए गए है।
इतिहास की सुनहरी यादें संजोए हुए है महाबलीपुरम
मंदिरों का शहर महाबलीपुरम तमिलनाडु में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। प्रारंभ में इस शहर को मामल्लापुरम कहा जाता था। तमिलनाडु का यह प्राचीन शहर पने भव्य मंदिरों, स्थापत्य और सागर-तटों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। सातवीं शताब्दी में यह शहर पल्लव राजाओं की राजधानी था। द्रविड वास्तुकला की दृष्टि से यह शहर अग्रणी स्थान रखता है। यहा पर पत्थरों को काट कर मंदिर बनाया गया।
महाबलीपुरम के स्मारकों की झांकियों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। कहा जाता है कि शिव का हथियार प्राप्त करने के लिए अर्जुन ने 12 साल एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की थी। अर्जुन की इसी तपस्या को यहां दिखाया गया है। यहां का ‘पंचरथ’ और ‘शोर’ मंदिर अपनी अद्भुत कला के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। मोदी-जिनपिंग मुलाकात के लिए स्थान चयन का फैसला चीन के साथ संयोजन से किया गया है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति जिनपिंग को इतिहास और संस्कृति में रुचि है। इसलिए भारत ने एक ऐसे स्थान की तलाश की जिसमें अन्य सभी आधारभूत संरचनाएं हों। हम आपको बताना चाहेंगे कि चीन की मौजूदा कम्यूनिस्ट सरकार के पहली प्रधानमंत्री झाऊ एन लाई भी महाबलीपुरम आए थे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज अपने देश के पहले प्रधानमंत्री झाऊ एन लाई जिस जगह पर आए थे, उस जगह पर भी जाएंगे।
दिलकश लहरों और मंदिरों के लिए मशहूर है यह प्राचीन शहर
महाबलीपुरम अपने मंदिरों और विशाल समुद्रतट के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां के अद्भुत कलात्मक शैली वाले मंदिर, दूर दूर तक बिखरी चांदी की भांति चमकती रेत, वृक्ष और अठखेलियां करती समुद्र की लहरें महाबलीपुरम को विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में शुमार करती हैं।
महाबलीपुरम के मंदिर अपनी नक्काशियों के लिए खासा जाने जाते हैं। इन मंदिरों में वाराह मंडपम, कृष्णा मंडपम, पांचरथ और शोर मंदिर मुख्य रूप से दर्शनीय है। यहां पत्थरों को काटकर बनाई गई चट्टानें भी देखने लाखों पर्यटक आते हैं। सांस्कृतिक और ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम को देखकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अवश्य खुश होंगे।
शंभूनाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार