अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में आज उनकी महाना छठी लाकडाऊन नियमों की पालना करते हुए शिद्दत के साथ रस्मीतौर पर मनाई गई।
पवित्र रमजान एवं ईद के बाद आज आई छठी का अपना खास धार्मिक महत्व माना जाता है लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के जायरीनों की गैरमौजूदगी में खादिम समुदाय के चुनिन्दा पासधारकों ने दरगाह स्थित आहाता-ए-नूर में छठी की रस्मों को पूरा किया तथा मुल्क में अमनोअमान एवं खुशहाली के साथ कोरोना मुक्ति के लिए दुआ की।
उस्मान हारूनी का उर्स संपन्न
ख्वाजा साहब के गुरु उस्मान हारूनी का कल रात शुरू हुआ सालाना उर्स भी धार्मिक रस्मों के बीच कुल की फातहा के साथ सम्पन्न हो गया। उर्स के मौके पर सुबह खोला गया जन्नति दरवाजा भी मामूल कर दिया गया। उर्स के मौके पर दरगाह पर हर साल उमड़ने वाली भीड़ नहीं दिखाई दी।
दरगाह बाजार से लेकर दरगाह परिसर, यहां तक की जन्नति दरवाजा भी अकीदत मंदों से वीरान नजर आया। पुलिस प्रशासन की ओर से जारी पासधारक खादिमों ने ही सभी तरह की रस्मों को निभा धार्मिक औपचारिकता पूरी की। छठी और उर्स को देखते हुए पुलिस की ओर से खास सुरक्षा प्रबंध किए गए।