अजमेर। अजमेर के विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की महाना छठी आज अजमेर दरगाह शरीफ में अकीदत के साथ मनाई गई।
हिजजिल संवत के आखिरी माह तथा बकरा ईद से महज तीन दिन पहले पड़ी इस छठी पर अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी पड़ी। देशभर में तेज बरसात के बावजूद छठी की फातहा में बड़ी संख्या में जायरीनों ने शानो शौकत के साथ शिरकत की।
आहता-ए-नूर में आयोजित छठी के कार्यक्रम में कुरान की तिलावत से आगाज किया गया। इसके बाद खुद्दाम-ए-ख्वाजा की ओर से ख्वाजा साहब की शान में नात एवं मनकबत पेश किए गए। साथ ही ख्वाजा साहब की जीवनी एवं शिक्षाओं का बखान किया गया। फातहा के बाद खादिमों एवं आम जायरीनों ने सामूहिक रूप से मुल्क में अमन चैन, खुशहाली एवं भाईचारे की दुआ की।
12 अगस्त को ईदुलजुहा (बकरीद) होने से अब छठी के बाद आने वाले कल से सरहदी क्षेत्रों के जायरीन बड़ी संख्या में अजमेर पहुंचेंगे और दरगाह शरीफ में जियारत करके उसे छोटे हज के रूप में ख्वाजा साहब के यहां हाजिरी लगाएंगे।
सरहदी क्षेत्रों में राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, गुजरात के कच्छ एवं भुज तथा जम्मू कश्मीर के जायरीन परंपरागत तरीके से अजमेर पहुंचेंगे।
बकरीद के मौके पर एक दिन के लिए जन्नती दरवाजा भी खोला जाएगा। देश में कश्मीर के हालात के मद्देनजर छठी के मौके पर दरगाह शरीफ एवं दरगाह क्षेत्र में सुरक्षा के खास बंदोबस्त किए गए।