अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने 28 साल के लंबे अंतराल के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का दर्शन किया।
दास ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण का समतलीकरण का कार्य शुरू हो गया है। उसी का जायजा लेने वह रामलला के दरबार में कल देर शाम गए थे। उन्होंने कहा कि मैंने रामलला का दर्शन किया बहुत ही आनन्द की अनुभूति हुई।
उन्होंने कहा कि समतलीकरण के दौरान देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, आमलक, दोरजम्बा आदि कलाकृतियां मिल रही हैं। मेहराब के पत्थर, टच स्टोन, पांच फिट के नक्काशीयुक्त शिवलिंग निकलने से यह साफ हो जाता है कि राम मंदिर पहले भी था लेकिन बाबरी मस्जिद कभी नहीं था। इन सबूतों से उन लोगों को करारा जवाब भी मिल गया है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले दिनों में रामभक्त शीघ्र भव्य राम मंदिर में रामलला का दर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि योग्य व अनुभवी श्रमिकों के साथ ही शिल्पकारों की टीम बनाई गई है जिससे सम्पूर्ण परिसर को सुंदर व रमणीय बनाया जा सके।
देश का प्रत्येक रामभक्त मंदिर निर्माण में दान दे रहा है और यह भी कह रहा है कि धन की कमी नहीं होगी। रामलला के भक्त लॉकडाउन हटने का इंतजार कर रहे हैं जिससे मंदिर के निर्माण में तेजी आ सके। ट्रस्ट के अध्यक्ष के परिसर में पहुंचने पर ट्रस्ट सचिव चम्पतराय ने अंगवस्त्र से स्वागत किया।
ज्ञातव्य है कि 11 मई से लगातार परिसर में समतलीकरण को मूर्त रूप प्रदान किया जा रहा है इस दौरान अनेक पत्थरों का निकलना समाज में कौतुहल का विषय बना रहा। उनके साथ विहिप केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज, अशोक तिवारी, विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा, आनन्द शास्त्री आदि थे।