झांसी। आजादी के लिए 1857 में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में वीरता की अमिट गाथा लिखने वाले महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर गुरूवार को वीरांगना नगरी झांसी पूरे दिन जोश और उमंग से सराबोर रही।
रानी के जन्मोत्सव के इस जश्न में पूरे जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह पहला अवसर है जब आम लोगों के साथ प्रशासन भी वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मोत्व कार्यक्रम में शामिल हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर झांसी की रानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने अपने कार्यालय में महारानी के चित्र पर माल्यापर्ण कर गार्ड ऑफ ऑनर दिया, इसके साथ ही पूरे जनपद के सभी थानों को वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मदिन के अवसर पर सजाकर जयंती मनाई गई।
जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने भी कार्यालय प्रांगण में रानी के चित्र पर माल्यार्पण कर नारी वीरता का पर्याय लक्ष्मीबाई को नमन किया और कहा कि झांसी वीरों की भूमि है और हम सौभाग्यशाली है,कि हमें इस वीरांगना की धरती पर कार्य करने का अवसर प्रदान हुआ।
हम सभी को शपथ लेना चाहिए कि हम अपने कार्यों में पूर्ण निष्ठा, लगन और पारदर्शिता से कार्य करते हुए महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को याद करें और उन्हें अपना आदर्श मानते हुए अपनी जन्मभूमि और देश की एकता अखंडता को कायम रखें।
महारानी के जन्मोत्सव पर अभी तक वीरान पड़े रहने वाले किले और रानीमहल को भी इस बार रोशनी से सजाया गया। विभिन्न सरकारी कार्यालयों में रानी झांसी का जन्मदिन हर्षोल्लास से मनाया गया।
विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ आम लोग भी रानी के जन्म की खुशी में झूमते नजर आए। इस अवसर पर सुबह से ही लगातार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सुबह महारानी लक्ष्मीबाई पार्क से शोभायात्रा निकाली गई। बुंदेलखंड महाविद्यालय (बीकेडी) में रानी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर छात्रों ने महारानी के जीवन चरित्र पर नृत्य नाटिका का भी मंचन किया। महारानी लक्ष्मीबाई का जन्मोत्सव यहां लगभग एक सप्ताह तक मनाया जायेगा।
रानी की जयंती के दिन से ही प्रदेश के संस्कृति विभाग के तहत राजकीय संग्रहालय और क्षेत्रीय पुरातत्व ईकाई- झांसी, इंटैक झांसी और ललितपुर चैप्टर एवं बुंदेलखंड इतिहास, पुरातत्व तथा शोध समिति के संयुक्त तत्वाधान में विश्व धरोहर सप्ताह का शुभारंभ किया गया, जो आज से 25 नवंबर तक चलेगा और इस दौरान विभिन्न कार्याक्रमों छायाचित्र प्रदर्शनी, विरासत स्थलों का स्वच्छता अभियान, हेरीटेज-वॉक, स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और व्याख्यान आदि का आयोजन किया जाएगा।
इसी के तहत आज बुंदेलखंड के किले और गढियां विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें झांसी के अलावा चंदेरी, ग्वालियर, भोपाल, सागर, महोबा, जालौँन, दतिया, बांदा और चित्रकूट के विद्वानों ने अपने शोध प्रस्तुत किए।
भारतीय जनता पार्टी के तहसील स्थित कार्यालय में भी रानी झांसी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मुकेश मिश्रा ने कहा कि झांसी की रानी हमारी शान है। रानी के बलिदान ने आज हमें विश्व में एक पहचान दी है। पूरा विश्व रानी झांसी के वीरता को जानता है और यह हमारे लिए बड़े गौरव की बात है। इस अवसर पर भाजपाइयों ने बड़ी संख्या में दीपदान किया।
रानी के गौरवशाली इतिहास और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े विभिन्न कार्याक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं और बालिकाओं ने बढ़चढकर हिस्सा लिया। जगह जगह रंगोली के माध्यम से रानी के चित्रों को उकेरा गया। महारानी लक्ष्मीबाई पार्क में उनकी विशाल प्रतिमा के नीचे बडी संख्या में रानी के चित्रों को रंगोली के माध्यम से पेश किया गया और कई बच्चियां रानी लक्ष्मीबाई का रूप लिए नजर आयीं।
शहर में प्रमुख ईलाइट चौराहे पर ढोल की थाप पर नाचती महिलाओं ने रानी के जन्म का जमकर जश्न मनाया। अग्रसर होते कदम संगठन के वीरसिंह की अध्यक्षता में मैथिलीशरण गुप्त पार्क 51 सौ दिये जलाकर रानी झांसी की वीरता और अदम्य साहस को नमन किया गया।
जिला एकीकरण समिति झांसी की ओर से विकास भवन में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया और रानी झांसी की प्रतिमा पर मल्यार्पण और दीपदान कर वीरांना को श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। इस दौरान पहली बार हरी सब्जी थोक विक्रेताओं ने भी मंडती में दीप जलाकर और आतिशबाजी कर रानी लक्ष्मीबाई का जन्मोत्सव मनाया।