झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में घनश्याम दास नामक युवक का कटा पैर उसी के सिरहाने रखने का मामला तूल पकड़ने बाद कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन ने जांच समिति गठित की और दोनों ही समितियों ने अपनी अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि प्रशासन द्वारा कराई गई जाँच भी पूरी हो गई है, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जाँच रिपोर्ट में कई जिम्मेदार दोषी पाए गए हैं जिन पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
गौरतलब है कि 10 मार्च की सुबह मऊरानीपुर क्षेत्र के बम्हौरी व खिलारा के बीच स्कूली बच्चों की बस पलटने से इटायल निवासी क्लीनर घनश्यामदास का बायां पैर घुटने के नीचे से कट गया था। उसे गंभीर हालत में मऊरानीपुर स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था।
यहां चिकित्सकों की कथित लापरवाही के चलते उसका कटा पैर सिरहाने रखकर तकिया बना दिया गया। यह अमानवीय दृश्य किसी ने वीडियो में कैद कर वायरल कर दिया जिससे हड़कंप मच गया।
झांसी मेडिकल कॉलेज में यूं तार तार हुई इंसानियत
शिकायत मिलने पर मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. साधना कौशिक ने दो चिकित्सकों व दो नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था ।शासन द्वारा सीधे घटना का संज्ञान लेने पर मामला तूल पकड़ गया। कॉलेज प्रशासन ने पांच चिकित्सकों की टीम बनाकर दो दिन में जाँच शुरू करा दी। साथ ही जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट सीपी तिवारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेश सिंह से भी जांच कराई गई।
नगर मजिस्ट्रेट सीपी तिवारी ने बताया कि जांच पूरी हो गई है, जिसे शासन को भेजा दिया गया है। चिकित्सकों की टीम ने भी जाँच आख्या शासन को भेज दी है। जांच रिपोर्ट में क्या है इसे स्थानीय स्तर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन सूत्रों ने बताया कि घटना के समय चिकित्सकों व स्टाफ की घोर लापरवाही उजागर हुई है। इसको लेकर कई चिकित्सक व स्टाफ पर गाज गिरना तय है।