मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा के विशेष सत्र की शुरुआत ‘वंदे मातरम’ गान किए बिना प्रारंभ करने को नियमों का उल्लंघन करार दिया है। उद्धव ठाकरे नीत सरकार को बहुमत साबित करने के लिए शनिवार को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया।
फडणवीस ने कहा, “ विधानसभा सत्र का प्रारंभ ‘वंदे मातरम’ के गान के साथ होता है और इसका समापन राष्ट्रगान के साथ किया जाना है। उन्होंने कहा, “यह सत्र बिना ‘वंदे मातरम’ के प्रारंभ किया गया और इस वजह से नियमों का उल्लंघन किया गया है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें विधानसभा के विशेष सत्र के संबंध में सूचना देरी से दी गई। उन्होंने कहा,“ हमें विधानसभा सत्र के लिए कल देर रात जानकारी दी गई। ऐसा क्यों किया गया? देर से सूचना इसलिए दी गई कि जिससे हमारे विधायक विधानसभा पहुंच नहीं सकें।”
फडणवीस के आरोप का जवाब देते हुए प्रोटेम स्पीकर दिलीप वालसे पाटिल ने कहा विशेष सत्र राज्यपाल की अनुमति से आहूत किया गया और इसलिए यह नियम विरुद्ध नहीं है।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किये गये थे। चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिव सेना ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था और दोनों ने 161 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। चुनाव परिणाम आने के बाद दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद हो गए जिससे उनकी सरकार नहीं बन गई।
शिव सेना ने बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। तीनों दलों ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी नामक गठबंधन बनाया। शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। नयी सरकार ने आज ही विश्वासमत हासिल किया।
उद्धव ठाकरे सरकार को 288 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर हुए मतदान में 169 वोट मिले जबकि भाजपा के 105 विधायकों ने मतदान के समय सदन से बहिर्गमन किया। श्री ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे नीत नव निर्माण सेना (मनसे) ने भी मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मनसे का एक विधायक है। इसके अलावा तीन अन्य विधायकों ने भी मतदान नहीं किया।