महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच चल रही आ रही तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है । हम आपको बता दें कि कोश्यारी और उद्धव के बीच यह तकरार है तब से चली आ रही है जब विधानसभा चुनाव के बाद राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को सरकार बनाने के लिए और अधिक समय नहीं दिया था । उस समय उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की सरकार समय रहते न बनपाने का आरोप राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर लगाए थे ।
अब दोनों में नया ताजा विवाद यह है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का फैसला मानने से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इंकार कर दिया है । महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से नई हलचल दिख रही है । अब उद्धव ठाकरे सरकार ने पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है हालांकि, उद्धव के इस फैसले पर गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने फिलहाल ब्रेक लगा दिया है ।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर राज्यपाल ने लगाई रोक
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने लोगों के बीच से सीधे तौर पर गांव के सरपंच चुने जाने के फैसले को पलटने वाले अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है । पूर्व देवेंद्र फडणवीस सरकार ने फैसला किया था कि गांवों के सरपंचों को अब सीधे लोगों के बीच से ही चुना जाएगा । उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार पूर्व सरकार के फैसले को पलटते हुए अध्यादेश लाई थी कि सरपंच एक ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा चुना जाएगा । राज्य मंत्रिमंडल ने 29 जनवरी को देवेंद्र फडणवीस सरकार के सीधे सरपंच चुने जाने के फैसले को पलट दिया था । लेकिन राज्यपाल ने एमवीए सरकार से सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में फैसले को पलटने वाला विधेयक पेश करने को कहा है ।
नए सिरे से विधायक बनाने का फैसला किया है : उद्धव
जब सीएम उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि क्या बीजेपी द्वारा नियुक्त राज्यपाल और एमवीए सरकार के बीच विवाद है, तो उन्होंने कहा कि राज्यपाल और सरकार के बीच कोई विवाद नहीं है । कुछ चीजें हैं जो आगे बढ़ सकती हैं और कुछ चीजें विधानसभा सत्र से आगे नहीं बढ़ सकती हैं । राज्य सरकार ने अब अध्यादेश जारी करने के बजाय कैबिनेट के फैसले पर नए सिरे से विधेयक बनाने का फैसला किया है । बता दें कि शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा फैसला लेते हुए आरे कॉलोनी में प्रस्तावित मेट्रो कारशेड प्रॉजेक्ट पर रोक लगा दी थी । बाद में उद्धव ठाकरे ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन समेत राज्य में चल रही सभी विकास परियोजनाओं की समीक्षा के आदेश दिए थे ।