नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के 13 दिन बाद भी दोनों दलों में अब तक कोई सहमति नहीं बनी है। जहां पर दोनों ही दल अपनी- अपनी बात पर अड़े हुए हैं। दोनों ही दल एक-दूसरे पर जुबानी हमला तो कर रहे हैं, लेकिन आपस में कोई समझौता नहीं कर पा रहे हैं।
लेकिन बुधवार को दोनों दलों की एक मिटिंग हुई थी। उसके बाद कुछ लगा कि अब सरकार बन सकती है। हालांकि यह मिटिंग मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने किसानों की समस्यों को लेकर बुलायी थी। इस मिटिंग में शिव सेना के नेता भी मौजूद थे।
अब केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडनवीस के नेतृत्व में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में सरकार बनाएगी।
गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में फडनवीस के नेतृत्व में ही सरकार बनायी जानी चाहिए और जल्द ही इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। महाराष्ट्र में सत्ता के लिए जारी संघर्ष के बीच गडकरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से भी मुलाकात करेंगे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव परिणाम में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था। राज्य में भाजपा और शिव सेना की गठबंधन सरकार बनाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन कुछ मतभेदों के कारण अब तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है।
गडकरी ने डॉ बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का इससे कोई लेना-देना नहीं है। केन्द्रीय मंत्री ने इस मुद्दे पर आरएसएस की ओर से मध्यस्थता किए जाने के विचार को खारिज कर दिया।
गडकरी ने महाराष्ट्र में वापसी करने की योजना को खारिज करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मेरी वापसी करने का कोई सवाल नहीं है, मैं दिल्ली में ही काम करता रहूंगा।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए भाजपा और शिव सेना ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। दो सप्ताह पहले आए चुनाव परिणाम में भाजपा को 105 और शिव सेना को 56 सीटें मिली थीं। भाजपा-शिव सेना गठबंधन को बहुमत भी मिल गया था, लेकिन ढाई-ढाई वर्षों के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद हैं।