पुणे। महाराष्ट्र में पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने एक युवक का अपहरण कर 300 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरंसी वसूलने के मामले में एक पुलिस कर्मचारी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना में पिंपरी आयुक्तालय में काम करने वाला पुलिस कर्मचारी दिलीप तुकाराम खंडारे भी शामिल है।
पिंपरी-चिंचवड़ के पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने बुधवार को दोपहर बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एक युवक विनय नाइक का आठ लोगों ने अपहरण कर लिया था, लेकिन जब आरोपियों को यह एहसास हुआ कि पुलिस उनकी तलाश कर रही है, तो उन्होंने विनय को छोड़ दिया। जब पीड़ित को रिहा किया गया, तो उसने तुरंत पुलिस को फोन किया और उसके अपहरण की पूरी घटना बताई।
कृष्ण प्रकाश ने कहा कि विनय का आठ लोगों ने तथावड़े इलाके के एक होटल से अपहरण कर लिया और आरोपियों ने उसे अलीबाग के लॉज में बंद कर दिया।
उन्होंने बताया कि विनय को 14 जनवरी को अपहृत किया गया था और इस मामले में वकाड़ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए वकाड़ थाने के वरिष्ठ निरीक्षक डॉक्टर विवेक मुगलिकर के मार्गदर्शन में पहले दो टीमों का गठन किया। आरोपियों को जब पता चला कि पुलिस को इस मामले की सूचना मिली है तो उन्होंने विनय को अलीबाग में छोड़ दिया।
ज्यादातर आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। पुलिस ने बताया कि मामले के मुख्य आरोपी दिलीप तुकाराम खंडारे, सुनील राम शिंदे, वसंत श्याम चव्हाण, फ्रांसिस टिमोथी डिसूजा, मयूर महेंद्र शिर्के, प्रदीप काशीनाथ कटे, संजय उर्फ निक्की राजेश बंसल और शिरीष चंद्रकांत खोत हैं। विनय ने पुलिस को बताया कि 300 करोड़ रुपए की बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के लिए उसका अपहरण किया गया था।
इसके पूर्व खंडारे साइबर अपराध शाखा पुलिस आयुक्तालय में काम कर रहा था। आरोपी खंडारे को पता था कि विनय के पास 300 करोड़ रूपए के क्रिप्टोकरेंसी है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक डॉक्टर मुगलीकर ने कहा कि अगले कुछ दिन में इस मामले में और भी नाम जुड़ सकते हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।