नागपुर। महाराष्ट्र में विधान परिषद की छह सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है। चुनाव अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि भाजपा के चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर से चुनाव जीता है।
अकोला-बुलढाणा-वाशिम स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के वसंत खंडेलवाल ने शिवसेना से यह सीट छीन ली। खंडेलवाल ने तीन बार के विधायक और शिवसेना के उम्मीदवार गोपीकिशन बाजोरिया को 109 मतों से पराजित किया।
भाजपा ने चार तथा कांग्रेस और शिव सेना ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की। इससे पहले राज्य विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी के दो उम्मीदवार तथा शिवसेना और कांग्रेस के एक-एक उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए।
कांग्रेस नेता सुरेश कोप्परकर ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में फार्म भरा था, लेकिन उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था, जिसके कारण मुंबई से शिवसेना के सुनील शिंदे और भाजपा के राजहंस सिंह निर्विरोध चुने गए थे।
कोल्हापुर से, कांग्रेस उम्मीदवार और गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल को भाजपा उम्मीदवार अमल महाडिक द्वारा अपना नामांकन वापस लेने के बाद निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। धुले-नंदुरबार से कांग्रेस प्रत्याशी गौरव वानी के नाम वापस लेने के बाद भाजपा के अमरीश पटेल निर्विरोध चुने गए।
इससे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा क्योंकि चुनाव से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने पूर्व-निर्धारित उम्मीदवार को बदल दिया और एक निर्दलीय को समर्थन दिया।
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने राज्य विधान परिषद चुनावों में नागपुर और अकोला में अपनी पार्टी की जीत पर खुशी व्यक्त की। इस चुनाव के लिए 10 दिसंबर को मतदान हुआ था और आज परिणाम घोषित किया गया।
ये दोनों जीत विशेष हैं और प्रत्येक कार्यकर्ता की कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट में कहा है कि नागपुर और अकोला से इन बड़ी जीत के साथ, महाराष्ट्र में भाजपा ने एक बार फिर विधान परिषद चुनावों में अपनी ताकत साबित की है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक अंकगणित का मतलब यह नहीं है कि तीन पार्टियां जीत हासिल करने के लिए एक साथ आएं। राजनीति में अंकगणित नहीं रसायन शास्त्र काम करता है और राजनीतिक रसायन शास्त्र हमारे साथ है।