मुंबई। धन शोधन निवारक कानून मामले में पिछले दो साल से जेल में बंद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली। न्यायालय ने पांच लाख रुपए के निजी मुचलके और कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी।
न्यायाधीश पीएन देशमुख ने जमानत के लिए भुजबल को पांच लाख रुपए का निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश देशमुख ने इसके अलावा उनको कुछ शर्तों जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के बुलाने पर उन्हें हाजिर होने की शर्त भी शामिल है।
मार्च 2016 में गिरफ्तार भुजबल ने इसी वर्ष जनवरी में खराब सेहत का हवाला देते हुए जमानत की याचिका दी थी। उनके वकील ने जमानत के लिए दी गई याचिका में कहा था कि इस मामले में आरोपपत्र पहले ही न्यायालय में दाखिल किया जा चुका है इसलिए अब उन्हें हिरासत में रखने की कोई जरुरत नहीं है।
पिछले साल दिसम्बर में उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन निवारक कानून के प्रावधानों को हटा दिया था। इसके बाद भुजबल ने जमानत की याचिका दाखिल की थी। उच्चतम न्यायालय के कानून से इस प्रावधान को हटाए जाने के बाद इसके तहत जेल में बंद लोगों को जमानत मिलना आसान हो गया है।
भुजबल के अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने न्यायालय में तर्क दिया कि उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन निवारक कानून की धारा 45 को हटा दिया है। इसलिए उनके मुवक्किल को जमानत दी जानी चाहिए। इस धारा के तहत प्रावधान था कि आरोपी को ही यह साबित करना पड़ता था कि वह धन शोधन में शामिल नहीं है।