Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
महर्षि दयानंद सरस्वती ने दूर कीं ‘धर्म’ से जुड़ी गलतियां : मोदी - Sabguru News
होम Breaking महर्षि दयानंद सरस्वती ने दूर कीं ‘धर्म’ से जुड़ी गलतियां : मोदी

महर्षि दयानंद सरस्वती ने दूर कीं ‘धर्म’ से जुड़ी गलतियां : मोदी

0
महर्षि दयानंद सरस्वती ने दूर कीं ‘धर्म’ से जुड़ी गलतियां : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने धर्म के आलोक में उन बुराइयों को दूर किया जिन्हें गलत तरीके से धर्म के नाम से जोड़ा गया था।

मोदी ने यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा कि धर्म के नाम पर जो गलतियां की गईं, स्वामी जी ने उन्हें धर्म के प्रकाश से ही हटा दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्मरणोत्सव के लिए लोगो भी जारी किया।

दयानंद सरस्वती के जन्म के समय भारत की स्थिति को याद करते हुए, मोदी ने कहा कि भारत सदियों की गुलामी के बाद कमजोर एवं निरीह हो गया था तथा अपनी आभा और आत्मविश्वास खो रहा था। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने भारत की परंपराओं और शास्त्रों में किसी भी तरह की कमी की धारणा को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनका वास्तविक अर्थ भुला दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने उस समय को भी याद किया जब भारत को कमजोर करने के लिए वेदों की झूठी व्याख्या का इस्तेमाल किया जा रहा था और परंपराओं को विकृत किया जा रहा था, ऐसे समय में महर्षि दयानंद का प्रयास एक ‘रक्षक’ के रूप में सामने आया। उन्होंने कहा कि महर्षि जी ने भेदभाव और छुआछूत जैसी सामाजिक बीमारियों के खिलाफ एक मजबूत अभियान शुरू किया।

मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि महर्षि दयानंद महिलाओं को लेकर समाज में पनपी रूढ़ियों के खिलाफ एक तार्किक और प्रभावी आवाज बनकर उभरे। उन्होंने बताया कि महर्षि दयानंद ने महिलाओं के खिलाफ भेदभाव का कड़ा विरोध किया और महिलाओं की शिक्षा के लिए अभियान भी चलाया, जबकि यह तथ्य 150 साल से अधिक पुराना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के समय में भी ऐसे समाज हैं जो महिलाओं को उनके शिक्षा और सम्मान के अधिकार से वंचित करते हैं, लेकिन यह महर्षि दयानंद ही थे जिन्होंने अपनी आवाज तब उठाई जब महिलाओं के लिए समान अधिकार एक दूर की सच्चाई थी, यहां तक ​​कि पश्चिमी देशों में भी।

मोदी ने कहा कि आर्य समाज के पास स्वामी जी की शिक्षाओं की विरासत है और देश हर ‘आर्य वीर’ से बहुत उम्मीद करता है। उन्होंने कहा कि अमृत काल में, हम सभी को महर्षि दयानंद जी के प्रयासों से प्रेरणा मिल सकती है।

गौरतलब है कि आज ही के दिन यानी बारह फरवरी, 1824 को जन्मे महर्षि दयानंद सरस्वती एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने 1875 में आर्य समाज की स्थापना सामाजिक असमानताओं और उस समय के अंधविश्वास का मुकाबला करने के लिए की थी। आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक और सामाजिक जागृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।