अजमेर। वैशाली नगर स्थित प्रेम प्रकाश आश्रम में सोमवार को महाशिवरात्रि महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर सजीं झांकियों को देखने लोगों की अपार भीड उमडी।
आश्रम के संत ओम प्रकाश शास्त्री ने बताया कि स्वामी ब्रह्मानन्द महाराज के आशीर्वाद व प्रेरणा से स्वामी बसन्तराम सेवा ट्रस्ट एवं प्रेमियों की ओर से मनाए गए महाशिवरात्रि महोत्सव के अंतर्गत आश्रम प्रांगण में झांकियों का दर्शन करने के लिए सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन होता रहा जो रात्रि तक अनवरत जारी रहा।
सुबह से ही आश्रम में शिवरात्रि के उपलक्क्ष्य में कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने शिव भगवान के समक्ष पुष्प, बेल पत्र, जल आदि चढाकर पूजा अर्चना की और समस्त कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भगवान शिव के अदभुत स्वरूप पर अभिषेक कर आशीर्वाद लिया।
आश्रम परिसर में इस बार अजमेर शहर में प्रथम बार कुछ विशेष झांकियां सजाई गई जिनमें नंदी को स्पर्श करने से शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक, बिल्व-पत्र को स्पर्श करने से शिवलिंग पर ॐ के दर्शन आदि झांकियों का अजमेर में पहली बार प्रदर्शन किया गया। अन्य झांकियों में द्वादश ज्योर्तिंर्लंग दर्शन, हिमालय पर्वत पर विराजमान शिव परिवार, शिव भगवान का गंगा माता को अपनी जटाओं में धारण करना (गंगा अवतरण), पंचमुखी पवनपुत्र हनुमान, चतुर्भुजरूप गंगाधर महा शिव शम्भू, शेरावाली माता का दरबार भी सजाया गया। इस तरह कई अन्य सुन्दर झांकियां भी सजाई गई थी।
देहली गेट आश्रम में सत्संग सभा
देहली गेट स्थित प्रेम प्रकाश आश्रम में शिवरात्रि की शाम सत्संग सभा में शिवरात्रि की मान्यता के बारे में बताते हुए सन्त ओम प्रकाश शास्त्री ने कहा कि सृष्टि के प्रारम्भ में इसी दिन मध्य-रात्रि भगवान शंकर का ब्रह्म से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था। तब से ही इस दिन को महा शिवरात्रि से जाना जाता है। शास्त्रों में शिवरात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है। जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
रात्रि 9 बजे से जागरण एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें देश-विदेश से आए सुप्रसिद्ध कलाकारों व संत मण्डल ने शिवनाम संकीर्तन एवं भजन प्रस्तुत कर उपस्थित श्रद्धालुगणों को मन्त्रमुग्ध कर दिया।
रात्रि जागरण में चारों प्रहर श्रद्धालुओं द्वारा दूध, दही, शहद, जल व फलादि द्वारा शास्त्र विधि अनुसार विद्वान पण्डितों के निर्देशन में शिवजी का रूद्राभिषेक किया गया साथ ही हवन, भस्म आरती और भगवान शिव को तरह-तरह के व्यंजनों द्वारा छप्पन भोग लगाए गए।
स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री ने फोन पर श्रद्धालुओं को शुभाषीर्वाद प्रदान किया जिसमें उन्होंने भगवान शिवजी की सरलता के बारे में बताया कि वे धतूरे, बेल पत्र व जलाभिषेक आदि से सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं, बस अगाध श्रृद्धा का होना आवश्यक है। जागरण में काफी संख्या में श्रृद्धालु जन उपस्थित थे एवं जागरण का लाभ लिया। अन्त में सभी उपस्थित श्रृद्धालुओं को खीर प्रसाद का वितरण किया गया।
संत ओमप्रकाश ने महोत्सव में पधारे सभी संतों, श्रद्धालुओं व सहयोग प्रदान करने वालों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रेम प्रकाश सेवादारी मण्डल के सदस्य झामनदास भगतानी, हशू आसवानी, निरंजन जोशी, पवन भाटिया, तारा, राधा विधानी, सरिता, दीपा लालवानी, वर्षा टिलवानी, गौरांगी तीर्थानी, गीता मोदयानी, काजल जेठवानी आदि सेवादारियों का सहयोग सराहनीय रहा।
आश्रम के प्रवक्ता खानचन्द मेंघानी ने बताया कि मंगलवार को भी सुबह 8 बजे से 1 बजे तक एवं शाम 4 से 9 बजे तक श्रद्धालुगण झाकियों का दर्शन कर सकेंगे।