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अजमेर : महात्मा ज्योतिबा फुले की 131वीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित - Sabguru News
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अजमेर : महात्मा ज्योतिबा फुले की 131वीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित

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अजमेर : महात्मा ज्योतिबा फुले की 131वीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित


अजमेर/पुष्कर।
सामाजिक क्रांति के अग्रदूत, महिला शिक्षा के प्रेरक, दलितोंत्थान को सदैव समर्पित रहने वाले महान समाज सुधारक व दार्शनिक महात्मा ज्योतिबा फुले की 131वीं पुण्यतिथि माली समाज समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय गणमान्यजनों ने उनका स्मरण कर वर्तमान दौर में उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प किया।

कलेक्ट्रेट के समीप स्थित ज्योतिबा फुले सर्किल पर स्थित स्मारक को फूल मालाओं से सजाया गया। उपस्थित जन समूह में प्रबुद्धजन, शिक्षाविद, वरिष्ठ नागरिक, सामाजिक संगठन, महिलाओं, युवा वर्ग, पार्षदों तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं आदि ने महात्मा ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि अर्पित की।

अखिल भारतीय महात्मा ज्योति बा फुले जागृति मंच के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गुलाबी सर्दी के बावजूद माली समाज व राजनीतिक दलों से जुडे नेताओं के जमावडे से खासी चहल पहल रही। ज्योतिबा फुले सर्किल पर जनसमूह ने जोश व उत्साह के साथ महात्मा ज्योतिबा फुले अमर रहे, माता सावित्रीबाई फुले अमर रहे, जबतक सुरज-चादं रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा जैसे नारे लगाए।

इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीगोपाल बाहेती ने कहा कि फुले दंपती ताउम्र समाज सुधार के कार्य में जुटे रहे। नारी शिक्षा को लेकर वर्तमान समय में जो प्रगति हुई है उसमें फुले दंपती का अहम योगदान रहा है।

युवा समाजसेवी संदीप तंवर ने कहा कि माली समाज फुले दंपती का सदैव ऋणी रहेगा। ज्योतिबा फुले ने नारी शिक्षा की पहल अपने घर से की। पत्नी सावित्री बाई फुले को पढाया और पुणे में पहले महिला विद्यालय की स्थापना की। बेटी पढाओ-बेटी बचाओ पर आज सरकारें बडे जोर शोर से कल्याणकारी योजनाएं बना रही हैं लेकिन यह पुनीत कार्य महात्मा ज्योतिबा फुले ने 18वीं शताब्दी में शुरू कर दिया था।

इस मौके पर सावित्री बाई फुले जाग्रति मंच की अध्यक्ष एवं पार्षद सुनीता चौहान ने एक बार फिर फुले दम्पती को भारत रत्न सम्मान से नवाजे जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।

पुष्पांजलि कार्यक्रम में माली समाज के पूनम चंद मारोठिया, महेश चौहान, त्रिलोक चन्द्र इंदोरा, धर्मेन्द्र गहलोत, प्रदीप कच्छावा, मनीष मारोठिया, हेमेन्द्र सिंगोदिया, महेंद्र जादम, नरेंद्र तुनवाल, नवीन कच्छावा, जितेंद्र मारोठिया, धर्मेन्द टांक, चन्द्र शेखर मौर्य, हेमराज सिसोदिया, वीरसिंह ढलवाल, शैलेन्द्र महा्वर, रवि कच्छावा, राजकुमार भाटी, नवनीत सैनी, माखनलाल मारोठिया, गोपीकिशन जादम, पूर्व पार्षद संतोष मौर्य, सुमन भाटी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जसराज जयपाल, विधायक अनिता भदेल, उप मेयर नीरज जैन, महेंद्र रलावता, पार्षद नौरत गुर्जर उपस्थित थे।

पुष्कर के माली मंदिर पुष्कर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम

महात्मा ज्योतिबा फुले की 131वीं पुण्यतिथि के अवसर पर मालियान मंदिर पुष्कर में सभी समाज बंधुओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज के राष्ट्रीय महासचिव ताराचंद गहलोत ने कहा कि महात्मा ज्योति बा फुले भारतीय समाज सुधारक, विचारक, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी थे। संकल्प शक्ति के अडिग फुले ने नारी शिक्षा जो अलख जगाई वह आज सर्वत्र जगमग कर रही है।

अखिल भारतीय माली सैनी सेवा सदन के कार्यकारी अध्यक्ष बाबूलाल दगदी ने कहा कि फुले विधवाओं और महिला कल्याण के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष करते रहे। किसानों की दशा सुधारने और उनके कल्याण के लिए भी काफी प्रयास किए। नारी शिक्षा के व्यापक स्तर पर प्रसार के लिए 1848 में उनके द्वारा खोला गया स्कूल एक मिसाल बन गया।

ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज के युवा अध्यक्ष अजय सैनी ने कहा कि महात्मा फुले के विचार आज भी प्रासंगिक है। गरीबों और निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने के लिए ज्योतिबा ने ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की। उनकी समाज सेवा से प्रभावित होकर 1888 में मुंबई की एक सभा में उन्‍हें ‘महात्‍मा’ की उपाधि से नवाजा गया।