अजमेर। रोशनी के पर्व दीपावली के दौरान एक तरफ जहां समूचा शहर भव्य लाइटों से जगमग कर रहा था वहीं दूसरी तरफ कलक्ट्रेट के समीप सर्किल पर महात्मा ज्योतिबा फुले प्रतिमा का भव्य स्मारक अंधेरे के आगोश में डूबा था।
दीगर बात यह है कि जिस महापुरुष ने अपना पूरा जीवन शिक्षा की जोत जलाकर दूसरे के घरो को रोशन किया उसे ही अंधेरे में डुबो देने वालों को लज्जा तक नहीं आई। महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा प्रशासन की अनदेखी के कारण लाइट की रोशनी के लिए तरसती रही।
इस बारे में कुछ सामाजिक संस्थाओं व माली समाज के जुडे लोगों को पता चला तो आनन फानन पहुंचकर दीपक व मोमबत्तीयां जलाकर महात्मा ज्योतिबा फुले प्रतिमा को रोशन किया।
अजमेर माली सेना व ज्योतिबा फुले मालियान एकता समिति के पदाधिकारीयों ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए कहा कि एक तरफ तो नगर निगम प्रशासन ने गौरव पथ, चौपाटी, स्मारक, अन्य सर्किलों पर लाखों रूपए खर्च कर रोशनी करवाई वहीं महात्मा ज्योतिबा फुले प्रतिमा लगे सर्किल को अनदेखा कर दिया।
सभी ने पुरजोर तरीके से बिजली महकमे तथा नगर निगम से मांग उठाई है कि र्किल पर स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले प्रतिमा पर प्रकाश की उचित व स्थायी व्यवस्था की जानी चाहिए।
कार्यकर्ताओं ने अगले दिन भी स्मारक पर आकर समूचे क्षेत्र की साफ-सफाई की तथा दीपक व मोमबत्तियां जला कर उजाला किया। दीपोत्सव में त्रिलोक चन्द्र इंदोरा, अशोक टांक, गोपीकिशन जादम, प्रदीप कच्छावा, राजकुमार भाटी, पृथ्वीराज सांखला, गौरव सिंगोदिया, हेमेन्द्र सिगोदिया मौजूद रहे।