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वैश्य समाज अपने तीनों नाम भलानाथ, भोलेनाथ और भालानाथ सार्थक करें : राम दयाल जी महाराज - Sabguru News
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वैश्य समाज अपने तीनों नाम भलानाथ, भोलेनाथ और भालानाथ सार्थक करें : राम दयाल जी महाराज

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वैश्य समाज अपने तीनों नाम भलानाथ, भोलेनाथ और भालानाथ सार्थक करें : राम दयाल जी महाराज

अजमेर। वैश्य जगत अपनी एकता, संगठन, समाज प्रवृति एवं राष्ट्रधर्म के लिए सदैव जागरूक रहे। स्वर्ण लंकाधिपति लंकेश रावण के पास सम्प्रभुता, अपार वैभव, अदभुत शक्ति, विशाल साम्राज्य समेत सब कुछ था पर एक भी वैश्य नहीं था, परिणामस्वरूप लंका का सर्वनाश हो गया।

यह बात अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के शाहपुरा पीठ पीठाधीश्वर जगतगुरु 1008 राम दयाल जी महाराज ने मंगलवार को जवाहर रंगमंच में अजमेर जिला वैश्य महासम्मेलन एवं श्री माहेश्वरी समाज संस्था के तत्वावधान में समाज के 5155वें उत्पत्ति दिवस व महेश नवमीं महोत्सव के उपलक्ष्य में गुरु वंदन एवं भजन अमृत गंगा कार्यक्रम में कही।

जिला महामंत्री उमेश गर्ग ने बताया कि उपरोक्त उत्सव में श्रद्धा राम दयाल जी महाराज ने कहा कि तिलक, तलवार और तलवार की त्रिवेणी ने इतिहास रचे हैं। इतिहास इस बात का साक्षी है कि तराजू वाले हाथों ने संकट में भारत की माटी का चंदन तिलक ललाट पर लगाकर दोनों हाथों में तलवार लेकर राष्ट्रद्रोहियों के छक्के छुडवाए हैं। बस शर्त यह है कि वैश्य समाज की अन्तर जागृति, संगठन और एकता मजबूत होनी चाहिए।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एकता नारंगी की तरह नहीं बल्कि खरबूजे की तरह होनी चाहिए। नारंगी बाहर से एक लेकिन भीतर से फांके अनेक जैसी हालत ही हिन्दू समाज के बिखरने का एकमात्र कारण है। खरबूजे के उपर की धारियां अनेक पर भीतर से एक होता है। ठीक इसी तरह रहना होगा।

उन्होंने महेश नवमीं की ओर संकेत करते हुए भगवान महेश के शाब्दिक लाक्षणिक तत्वों की तरह अभिसंकेत करते हुए माहेश्वरी समाज को जागृति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि शिव की तरह विष पीना, चंद्रमा की तरह​ दिमाग में अमृत योजना बनाना, त्रिशूल से काम, क्रोध, लोभ, पतनात्मक, विनाशकारी शत्रुता का विनाश करना सीखें। अपने तीनों नाम भलानाथ, भोलेनाथ और भालानाथ सार्थक करें। प्रकृति में जीये, संस्कृति की पूजा करें और विकृति को उखाड फेंके।

उन्होंने कहा कि वैश्य समाज ने अंतरराष्ट्रीय जगत में पहचान बनाई है। वैश्य समाज विवेक, जागृति का प्रतीक है। वैश्य समाज ने अनेक संत रामस्नेही सम्प्रदाय को भी दिए। वैश्य समाज का कड़ी से कड़ी को जोड़ने का प्रयास सराहनीय है। अग्रवाल, खंडेलवाल, जैन समाज सर्व वैश्य समाज रूपी गुलदस्ता है। समस्त वैश्य एक थे, एक हैं और एक होकर रहें ताकि सिद्ध हो सके कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत एक है। जब तक सूरज चांद रहेगा वैश्य समाज की एकता की इतिहास अमर रहेगा।


सेवा सही मायने में परमात्मा की भक्ति

नाम के महिमामंडन को लेकर उन्होंने दो टूक कहा कि यह संसार परमात्मा रचित है, भगवान ने धरती पर सुंदर पेड़, पर्वत और विभिन्न प्राणी दिए लेकिन कही अपना नाम नहीं लिखा। लेकिन हम थोड़ा सा काम करते हैं तो नाम लिखते हैं, लिखना भी चाहिए पर काम करने का अहंकार नहीं करें। नाम के मोहताज ना बनो, सेवा ही सही मायने में परमात्मा की भक्ति है।

परिवार के साथ राष्ट्र के प्रति भी जिम्मेदारी

राष्ट्र के लिए हर व्यक्ति को भगवान शिव की तरह जहर पीना पड़ेगा। समाज को संकीर्णताओं, विपरीत परिस्थितियों और अनाचार से मुक्त करें। कोई हमारे राष्ट्र पर चोट करे या भारतमाता पर अन्याय हो तो चुप ना रहें, प्रतिकार करें। परिवार, समाज, राष्ट्र विवेक से काम करेंगे तो सब सफल होंगे। समाज और राष्ट्र में जागृति वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता है, हर समाज विकृतियों को समाप्त करे। अज्ञानवाद, अर्थवाद, अहंकारवाद। इन तीनों से राष्ट्र को नुकसान हो रहा है। विश्वगुरु रहा भारत आज अज्ञानवाद से जूझ रहा है। जितनी परिवार जितनी जिम्मेदारी उतनी ही राष्ट्र के प्रति हो। हमारा देश गौ सेवा में विश्वास रखता है। इस धरती पर गौ हत्या नही होनी चाहिए, पर हजारों का कत्ल हो रहा है। परस्पर फूट के कारण ही हमारी संस्कृति संकट आया है।

अशोक तोषनीवाल ने बहाई भजन सरिता

जिला अध्यक्ष रमेश तापड़िया ने बताया कि इस मौके पर भजन गायक अशोक तोषनीवाल एवं सर्वेश्वर संकीर्तन मंडल अपनी भजन सरिता से समूचा महौल भक्तिमय कर दिया। श्री महेश का नाम लिए जा..लागे ना कोई मोल रे जय महेश की बोल रे…, जय भोला भंडारी शिव हरि जय भोला भंडारी…, वारि जाऊ रे बलिहारी जाऊ रे सद्गुरु आया…, राम स्नेही अति बलदेही करुणा के सागर है ये परम सनेही…, मत कर माया को अभिमान मत कर काया को काया कांच से… भजनों पर लोग आनंद विभोर हो गए।

कार्यक्रम के आरंभ में जिलाध्यक्ष रमेश तापड़िया ने अपने स्वागत भाषण में स्वागत के साथ वैश्य समाज में आपस में भाईचारा प्रेम सौहार्द बढ़ाने के परिणति स्वरूप एक दूसरे के उत्सव सामूहिक रूप से बनाने पर जोर दिया।

जिला महामंत्री उमेश गर्ग ने बताया कि इस अवसर पर संपूर्ण प्रदेश में वैश्य बंधुओं को एक सूत्र में पिरोने के प्रयास स्वरूप प्रदेश स्तर पर समस्त वैश्य बंधुओं के सामूहिक सदस्यता अभियान की शुरुआत प्रदेश अध्यक्ष एनके गुप्ता, प्रदेश प्रभारी दुर्गादास अग्रवाल, संभाग अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री एवं युवा अधिकारियों, पदाधिकारियों के साथ मिलकर अभियान का उद्घाटन विमोचन शुभारंभ किया गया।
वैश्य समाज के नीरज जैन को नगर निगम अजमेर का उपमहापौर मनोनीत होने पर उनका शॉल श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया।

महाराजश्री का सान्निध्य, स्वागत में बिछाए पलक पांवडे

जिला अध्यक्ष रमेश तापड़िया, श्रीकृष्ण अवतार भंसाली, उमेश गर्ग एवं महाराज ने रमाकांत बालदी, अशोक तोषनीवाल, सत्यनारायण भंसाली, राजेंद्र करवा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इससे पहले अतिथिजनों ने दीप प्रज्वलन किया तथा रामस्नेही संप्रदाय की आरती से कार्यक्रम की विधिवत कार्यक्रम की शुरुआत की।

जिलाध्यक्ष रमेश तापड़िया समस्त आगंतुक गणमान्यजनों तथा कार्यक्रम में पधारे सभी लोगों का आभार जताया साथ ही प्रदेश अध्यक्ष एनके गुप्ता, प्रदेश महामंत्री गोपाल शरण गुप्ता, प्रदेश प्रभारी दुर्गादास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष युवा जेडी माहेश्वरी, प्रदेश महामंत्री युवा केदार गुप्ता, भीलवाड़ा से आए संभाग अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, संभाग अध्यक्ष महिला मधु जाजू, संभाग अध्यक्ष युवा केशव चौधरी का स्वागत किया गया।

इस अवसर पर वैश्य समाज के उत्सव आपस में सौहार्दपूर्वक सामूहिक रूप से मनाने के प्रयास स्वरूप इस प्रथा को आरंभ करने एवं समर्थन करने के लिए श्री माहेश्वरी समाज संस्था के अध्यक्ष कृष्ण अवतार भंसाली का समग्र वैश्य समाज की तरफ से माला पहनाकर तथा शॉल व श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया। उनका आभार व्यक्त किया गया कि उन्होंने वैश्य समाज को यह अवसर प्रदान किया।

जगतगुरु स्वामी श्री रामदयाल जी महाराज का स्वागत

कालीचरण दास खंडेलवाल, रमेश तापड़िया, कृष्ण अवतार भंसाली, गोपाल जी भाई, सुभाष नवाल, उमेश गर्ग, सतीश बंसल, प्रवीण जैन, पुष्पेंद्र पहाड़िया, कमल खंडेलवाल, अशोक पंसारी, गिरधारी मंगल, शिव शंकर हेडा, डॉ विष्णु चौधरी, शैलेंद्र अग्रवाल, रमेश अग्रवाल जतन कंस्ट्रक्शन, नितिन जैन, नितेश गर्ग, प्रेम विजयवर्गीय,  ज्वाला काकानी, राम रतन छापरवाल, हंसराज अग्रवाल, हरीश अग्रवाल, राजेंद्र मित्तल, राकेश विजय, सुरेश खंडेलवाल, राजेंद्र गांधी, गोविंद गोयल कांच वाले, अमित गुप्ता, यश ढाणी, वल्लभ माहेश्वरी, एस डी बाहेती ने महाराज का स्वागत किया।