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बिहार विधानसभा का उपाध्यक्ष चुने गये महेश्वर हजारी - Sabguru News
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बिहार विधानसभा का उपाध्यक्ष चुने गये महेश्वर हजारी

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बिहार विधानसभा का उपाध्यक्ष चुने गये महेश्वर हजारी
Maheshwar Hazari elected as Deputy Speaker of Bihar Legislative Assembly
Maheshwar Hazari elected as Deputy Speaker of Bihar Legislative Assembly
Maheshwar Hazari elected as Deputy Speaker of Bihar Legislative Assembly

पटना। बिहार विधानसभा में आज 124 सदस्यों के मत से जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के महेश्वर हजारी को सभा का उपाध्यक्ष चुन लिया गया।

विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल एवं ध्यानाकर्षण सूचना के बाद सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सभा के उपाध्यक्ष पद का निर्वाचन कराए जाने की घोषणा करते हुए बताया कि इस पद के लिए विधानसभा सदस्य महेश्वर हजारी के पक्ष में चार और सदस्य भूदेव चौधरी के पक्ष में छह प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि हजारी के समर्थन में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और विधायक स्वर्णा सिंह और चौधरी के समर्थन में महबूब आलम, रणविजय साहू, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, रामरतन सिंह, कुमार सर्वजीत और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता प्रस्तावक हैं।

इसके बाद ध्वनितमत के जरिए हजारी को विधानसभा का उपाध्यक्ष चुन लिया गया। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, सभाध्यक्ष ने अपना नियमन देकर इस पद के निर्वाचन के लिए ध्वनिमत कराया है। लेकिन, सदन की स्थिति ऐसी है कि विपक्षी दल के सदस्य उपस्थित नहीं है। ऐसी स्थिति में बिहार की जनता को कोई गलत संदेश न जाए हमलोगों ने किसी की गैरहजािरी में कोई काम जबरदस्ती करा लिया है। इसलिए, सभाध्यक्ष से आग्रह है कि आप सदस्यों की गिनती के आधार पर निर्वाचन पर निर्णय लें तो बेहतर होगा।

इसके बाद सभाध्यक्ष ने सदन में उपस्थित सदस्यों से निर्वाचन के लिए खड़े होकर अपना मत गिनाने का निर्देश दिया। इसके बाद सभाध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए हजारी के पक्ष में 124 जबकि विपक्ष में शून्य मत पड़े हैं। इसलिए, हजारी विधानसभा उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हजारी विधानसभा के 18वें उपाध्यक्ष चुने गये हैं। वह वर्ष 2005 में पहली बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह समस्तीपुर से सांसद और बिहार में कई बार मंत्री भी रहे हैं। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि हजारी के अनुभव से सदन को लाभ मिलेगा।

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन में पारदर्शिता कायम रखने के उद्देश्य से अपनाई गई प्रक्रिया के लिए आसन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, मैं सभी सदस्यों का अभिनंदन करने के साथ ही हजारी को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। वह जनता की सेवा के लिए एक जनप्रतिनिधि के रूप में सदैव सक्रिय रहे हैं। वह विधानसभा और लोकसभा के सदस्य और बिहार में कई बार मंत्री भी रहे हैं। उनके सभा उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचन के लिए 124 सदस्यों ने अपना समर्थन दिया है।

कुमार ने सदन में विपक्षी दल के सदस्यों की अनुपस्थिति पर कहा कि वे उपस्थित नहीं हैं तो लोगो को मालूम है वे कहां हैं। कल जिस तरह की घटनाएं हुई वह ठीक नहीं है। उन्होंने मंगलवार को सभाध्यक्ष कक्ष के द्वार पर धरना देने एवं उसके बाद के घटनाक्रम को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि सदन में जिसकी बहुमत होती है सरकार उसी की बनती है। इसके बाद तो सदस्यों को सदन में ही अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, आप ही बताएं सदन में सबसे अधिक कौन बात करते हैं। सभाध्यक्ष भी सदस्यों को अपना वक्तव्य देने के लिए कितना समय देते हैं। सदन में कल जो गतिरोध उत्पन्न हुआ वह उचित नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन सदस्यों के लिए ही है और उनके प्रस्ताव पर ही बात होनी है लेकिन कैसी मानसिकता है, यह तो वही लोग जाने। विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा हो या राज्यसभा वहीं नियम के तहत सबको अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन कुछ लोगों को पता नहीं क्या हो जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भी मंत्री सदैव सभी प्रश्नों का जवाब देते हैं। वह तो स्वयं भी सदस्यों से कहते हैं वे लोकहित में हमेशा प्रश्न पूछें, इसका कोई संबंध सरकार से नहीं है, यह सबका अधिकार है। इसलिए, सत्ता पक्ष या विपक्ष के सदस्य प्रश्न पूछते हैं। फिर भी कुछ लोगों के मन में क्या बात आती है, कौन उनके सलाहकार हैं पता नहीं, इससे कुछ नहीं होने वाला है।

उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि सभाध्यक्ष ने सदन में उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए जो स्वस्थ परंपरा कायम की है और जिस पारदर्शितापूर्ण तरीके से निर्वाचन हुआ है उसके लिए वह आसन के प्रति आभार प्रकट करते हैं एवं चुने जाने के लिए हजारी को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आज प्रतिपक्ष के सभी साथी सदन में उपस्थित रहते तो इस प्रक्रिया को बेहतर ढंग से किया जा सकता लेकिन आज उस मर्यादा का उन लोगों ने पालन नहीं किया जिसका उन्हें दुख है। उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने आसन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए हजारी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उनकी भावना सदन के नेता नीतीश कुमार की भावना के साथ है और वह उनके सुर में सुर मिलाकर आसन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। सभाध्यक्ष सिन्हा ने जिस रूप में सदन चलाया और उपाध्यक्ष निर्वाचन में जो पारदर्शिता दिखाई है वह प्रशंसनीय है। इससे बिहार की जनता में अच्छा संदेश जाएगा। यदि प्रतिपक्ष दल के सदस्य भी सदन में उपस्थित होते तो अच्छा होता। उन्होंने हजारी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पंच के मंच पर बैठा व्यक्ति न किसी का दोस्त होता है न दुश्मन, उन्हें पूरा विश्वास है कि वह अपने अनुभव से सदन की कार्यवाही का सफलतापूर्वक संचालन करेंगे।

मांझी ने कहा, मैं वर्ष 1990 और 1995 को छोड़कर वर्ष 1980 से लगातार विधायक हूं लेकिन पिछले कई बार ऐसा देखा गया कि विधानसभा उपाध्यक्ष का पद रिक्त रहता था। हजारी संसदीय प्रक्रिया के ज्ञाता हैं लेकिन हम जिस समाज से आते हैं उस वर्ग के लोगों को पर्याप्त स्थान नहीं मिलता था लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस वर्ग को समान प्रतिनिधित्व दिया है।

हजारी ने सभाध्यक्ष और सदन के नेता कुमार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रजातंत्र के इस मंदिर में उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कुमार के कार्यकाल में उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है। संसदीय प्रणाली में उन्होंने सदन में समय पर जाना और पूरी कार्यवाही में शामिल रहना सीखा है। आज विपक्ष के सदस्यों को भी सदन में उपस्थित रहना चाहिए था, जिससे जनता में अच्छा संदेश जाता। इसके बाद सभाध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी।