नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ऑन लाईन यात्रा पोर्टल मेक माइट्रिप, गोआईबीबो (एमएमटी- गो) और ऑन लाईन होटल ब्रांड ओयो के खिलाफ प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार करने के आरोप में करीब 400 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है और कुछ गैर मौद्रिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।
आयोग ने एक विस्तृत निर्णय में एमएमटी-गो को बाजार में अपनी वर्चस्व की स्थिति का दोषी करार दिया है। फैसले में एमएमटी-गो को ओयो होटल (ओरा वैल स्टेट लिमिटेड) के साथ ऐसा प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौता करने का भी दोषी करार दिया है।
आयोग ने ओयो को भी एमएमटी-गो के साथ ऐसा करार का दोषी पाया है। जिसके तहत एमएमटी-गो ने ओयो के प्रतिस्पर्धियों को 2018 में अपने ऑन लाइन पोर्टल से निकाल दिया था।
आयोग के सामने यह मामला 2019 में आया था। आयोग ने एमएमटी-गो और ओयो पर संबंधित अवधि के राजस्व के पांच प्रतिशत की दर से दंड लगाया है। इसके अनुसार एमएमटी-गो को 223.48 करोड़ रूपए और ओयो को 168.88 करोड़ रूपए का जुर्माना देना होगा।
होटल स्वामियों के संगठन फेडरेशन ऑफ होटल एन रेटोरेंट ऑफ इंडिया एफएचआरएआई ने मैक माइट्रिप और ओयो के विरूद्ध प्रतिस्पर्धा आयोग के निर्णय को होटल रेस्टोरेंट उद्योग के लिए एक बड़ी जीत बताते हुए कहा है कि इससे ऑन लाइन होटल और यात्रा प्लेटफार्म को अनुशासित करने तथा इस उद्योग को बचाने में मदद मिलेगी।
एफएचएआरआई की शिकायत पर आयोग ने 2019 में ओयो और एमएमटी-गो के बाजार व्यवहार की जांच शुरु की थी। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टन इंडिया के अध्यक्ष और एफएचआरएआई के कार्यकारणी सदस्य प्रदीप शेट्टी ने कहा कि एमएमटी-गो और ओयो ने अलग-अलग और मिलकर हर तरह के होटलों का बड़ा नुकसान किया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि इस निर्णय से निवेशकों और नियामकों की ओयो के प्रति आंख खुलेगी। जो अपने शेयर बाजार में उतरना चाह रही है।