मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी अदालत ने शनिवार को वर्ष 2008 में मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरेापी कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने गैरकानूनी कार्यविधि रोकथाम अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों को हटाने की मांग की थी। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ साक्ष्य उपलब्ध हैं, यूएपीए के तहत आरोप उचित हैं।
अदालत ने आठ अक्टूबर को दो अन्य आरोपियों अजय राहिरकर और सुधाकर चतुर्वेदी के अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
इसके पहले चार सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने कर्नल पुरोहित की आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) की ओर से यातना के कथित मामले की जांच विशेष जांच एजेंसी (एसआईटी) से कराने की मांग को ठुकरा दिया था।
गौरतलब है कि मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम विस्फोट में छह लोग मारे गये थे। एटीएस ने नवंबर 2008 को 11 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद अप्रैल 2011 को यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था।