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अजमेर में माली समाज की 151 विभूतियों का सम्मान - Sabguru News
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अजमेर में माली समाज की 151 विभूतियों का सम्मान

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अजमेर में माली समाज की 151 विभूतियों का सम्मान


अजमेर।
माली (सैनी) संस्थान अजमेर के तत्वावधान में रविवार शाम को 7वां मेधावी/प्रतिभावान विद्यार्थी सम्मान समारोह आनंद पैलेस गुलाबबाड़ी में धूमधाम से आयोजित किया गया। इसमें 151 विभूतियों को प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर बहुमान किया गया। इस मौके पर संस्था के लोगो का विमोचन किया गया।

समारोह के मुख्य अतिथि नेशनल कमिश्नर (स्काउट एवं गाईड) निर्मल पंवार, विशिष्ट अतिथी चेतन राम देवड़ा, ओमप्रकाश सांखला, धर्मेन्द्र गहलोत, कैलाशराज सैनी, विनीता भाटी, अनुभव चंदेल, विजय कुमार सैनी रहे। अध्यक्षता भामाशाह त्रिलोक चन्द इंदौरा ने की।

महात्मा ज्योतिबा फुले व मां सावित्रीबाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। गणेश वंदना समृद्धि चौहान ने की। माली (सैनी) संस्थान के अध्यक्ष राजेश भाटी ने अतिथियों का स्वागत किया। सचिव मुकेश अजमेरा ने संस्थान का परिचय कराया तथा आगामी योजना के अनुसार किए जाने वाले सामाजिक कार्यो व आय व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि निर्मल पंवार ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले व मां सावित्रीबाई फुले माली समाज की अमूल्य धरोहर है। ये दोनों महान विभूतियां समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। फुले दंपती ने शिक्षा की जो अलख जलाई उसी की बदौलत आज समाज शिक्षा के दम पर आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक स्तर पर सक्षम हो पाया है। उन्होंने समाज में प्रतिभावान बच्चों की बढती संख्या के लिए अभिभावकों को बधाई के पात्र बताया। उन्होंने कम अंक लाने वाले बच्चों का भी उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि असफलता भी सफलता की ओर बढने का एक कदम है, क्योंकि सफलता का कोई पैमाना नहीं होता। माता पिता का सम्मान और शिक्षकों से मिलने वाले मार्गदर्शन पर जिसने अमल किया वह कभी असफल हो ही नहीं सकता।

कार्यक्रम के अध्यक्ष त्रिलोक चन्द इंदौरा ने कहा कि समाज का विकास शिक्षा से ही संभव है। बिना शिक्षा कोई भी समाज प्रगति के पथ पर नहीं बढ सकता। उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमें ज्योतिबाफुले और माता सावित्रीबाई फुले ऐसे दौर में शिक्षा रूपी अलख की जोत से प्रकाशित किया जब समाज बहुत की पिछडेपन और कुरुतियों का शिकार था। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर दिया।

संस्थान की ओर से 10वीं व 12वीं कक्षा में 80 प्रतिशत, कालेज स्तर पर 75 प्रतिशत, सीए, एमबीबीएस पूर्ण करने तथा खेलकूद व सांस्कृतिक स्तर पर राज्यस्तरीय योग्यता प्राप्त करने वाले प्रतिभावानों का सम्मान किया गया। समाजसेवा व गौवंश में फैल रही लम्पी महामारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे सेवा कार्य के लिए प्रदीप कुमार कच्छावा, सामाजिक सेवा कार्यो में अहम भूमिका निभाने वाले हेमराज खारोलिया, शारीरिक शिक्षक लक्ष्मण गहलोत को भी सम्मानित किया।

विशिष्ट अतिथि आईएएस चेतनराम देवडा ने कहा कि जो समाज प्रतिभाओं की पहचान कर लेता है, उनको आगे बढाता है वह समाज कभी पिछडा नहीं रहता। संगठित होकर रहें, अपने वाजिब हक को हासिल करें। उन्होंने समाज में शिक्षा की अलख जगाने वाले फुले दंपती को याद करते हुए कहा कि शिक्षा सबसे बडी ताकत है। इसी से हमें सिस्टम में भागीदारी मिलती है। उन्होंने कहा कि करोबार तो स्टाफ लगाकर भी चलाया जा सकता है लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में बढने के लिए खुद को ही परिश्रम करना होगा।

10वीं कोमल सोलकीं व पीयूष सैनी, विज्ञान वर्ग में ऐश्वर्या पंवार, वाणिज्य में जूही सरसवाल, आर्ट्स में सानिया सैनी टॉप पर रहीं। बॉक्सिंग में पलक साला, शूटिंग में गोल्ड मेडल रही रवीश अजमेरा को भी सम्मानित किया गया हाल ही में आरजेएस में चयनित 6 अभ्यर्थियों के सम्मान में समाज ने पलक पांवडे बिछा दिए। अधिवक्ता अनुभव चंदेल, कैलाश सैनी, आरजेएस प्रियंका चौहान, ओमप्रकाश सांखला ने भी अनुभव साक्षा किए।

उत्कर्ष संस्थान के निर्मल गहलोत वर्च्युअल तरीके से जुडे

उत्कर्ष संस्थान के निर्मल गहलोत वर्च्युअल तरीके से उपस्थिति दर्ज कराते हुए प्रतिभावान विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने सफलता के गुर साझा करते हुए कहा कि जीवन में कई कठिन काम ऐसे होंगे जिनके बारे में हमें लगता है कि हम इन्हें कर सकते हैं। यह तब होता है जब हम सकारात्मक तरीके से सोचते हैं। सकारात्क सोच ही सफलता की पहली सीढी है। इससे बाधाओं को पार करने की हिम्मत मिलती है। सही समय पर सही फैसला लेना जैसे अनुशासन भले ही बुरा लगे पर उस अमल करें ना कि उससे बचने के तरीके तलाशें। ऐसा नहीं करने पर बाद में पछतावे के सिवा हमें कुछ हासिल नहीं होता। आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति, सकारात्मक सोच, महत्वाकांक्षा हमें सफलता की सीढियां चढाती हैं।

संस्थान के महासचिव अशोक तंवर ने कार्यक्रम में धन्यवाद व आभार प्रेषित किया। मंच संचालन किशोर भाटी, कन्हैया लाल सांखला, विपीन सौलंकी ने किया। इस मौके पर माली सैनी संस्थान के पदाधिकारी व कार्यकर्ता, मोहनलाल ऊबाना, रविशंकर ऊबाना, मनोहर भाटी, प्रदीप कच्छावा, महेश तंवर, खुशीराम गहलोत, अरुण तुन्दवाल, सुनील मालाकार, राजेश ढलवाल, हरीश सतरावला, मनीष टांक, पवन भाटी, धर्मेन्द्र सिह चौहान, सुनिल गहलोत समेत बडी संख्या में समाज बंधू व गणमान्यजन मौजूद रहे।