कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की। तृणमूल कांग्रेस की 291 उम्मीदवारों की आज जारी सूची में पार्टी ने 20 से अधिक निवर्तमान विधायकों और दो मंत्रियों शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और वित्त मंत्री अमित मित्रा का पत्ता काट दिया है।
बनर्जी की भवानीपुर सीट से ऊर्जा मंत्री शोवनदेव चटर्जी चुनाव लड़ेंगे। तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में 27 मार्च से शुरू होने वाले आठ चरणों में मतदान के लिए 294 सीटों में से 291 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव 2021 में 291 सीटाें पर चुनाव लड़ेगी और बाकी तीन सीटों दार्जिलिंग, कलिमपोंग और कुरसेओंग से विमल गुरुंग के नेतृत्व वाले जीजेएम के उम्मादवार चुनाव लड़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पूर्व मेदिनापुर में नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, मैं नंदीग्राम से चुनाव लडूंगी, मैंने भवानीपुर सीट छोड़ दी है।
ऊर्जा मंत्री चटर्जी भवानीपुर के निवासी हैं और वह भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। बनर्जी ने इस सीट से 2011 और 2016 में चुनाव जीता था।
बनर्जी ने कहा कि उनके 291 उम्मीदवारों में 50 महिला, 42 मुस्लिम उम्मीदवार भी चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि बंगाल के चुनाव के लिए तृणमूल उम्मीदवार के तौर पर 50 महिलायें, 42 मुस्लिम उम्मीदवार, 79 अनुसूचित जाति और 17 अनुसूचित जनजाति उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।
दूसरे चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 12 मार्च है जबकि 15 मार्च तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 17 मार्च होगी।
राज्य विधानसभा चुनावों में सबसे लंबे दौर तक चलने वाले चुनावों के लिए राजनीतिक दल कमर कस रहे हैं। इस बार आठ चरणों में मतदान होगा। प्रमुख राजनीतिक दल अगले कुछ दिनों के भीतर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से कुछ नये उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की उम्मीद है, जबकि भारतीय जनता पार्टी लोकप्रिय चेहरों को उतारकर उन्हें कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है। वाम दलों, कांग्रेस और भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चे के नये गठबंधन की ओर से सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देना बाकी है।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एरीज आफताब ने जिला चुनाव अधिकारियों को राज्य सरकार के संविदा कर्मियों को मतदान प्रक्रिया से दूर रखने के लिए लिखा है।
इस बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल ने राज्य के उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन को हटाने की मांग की है, जिसमें उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण और संघीय ढांचे के मानदंडों को तोड़ने का आरोप लगाया गया है।
दूसरी ओर,भाजपा ने कार्यकाल खत्म होने के बाद राज्य सरकार द्वारा नगर निगमों में नियुक्त प्रशासकों को हटाने की मांग की है।
कांग्रेस, वाम दलों और आईएसएफ के एकजुट मोर्चे ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन के कुछ अधिकारियों द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है।
राज्य में पहले ही 118 कंपनी केंद्रीय बल बंगाल पहुंच चुके हैं और वे मतदाताओं के बीच विश्वास जगाने के लिए रूट मार्च में लगी हुई हैं। केंद्रीय बलों की 170 और कंपनियों के आठ मार्च तक राज्य में पहुंचने की उम्मीद है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव भाजपा और तृणमूल के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गये हैं। दोनों दलों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। भाजपा राज्य में ममता नीत तृणमूल सरकार के खिलाफ चुनाव अभियान का आक्रामक प्रचार कर रही है। तृणमूल के बड़ी हस्तियों ने भाजपा से हाथ मिलाकर ममता सरकार को अपदस्थ करने की योजना बनायी है।
तृणमूल के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी, राजीब बनर्जी, बैशाली डालमिया, हावड़ा के पूर्व महापौर रतिन चक्रवर्ती और अभिनेता रुद्रनील घोष जैसे नाम इस सूची में शामिल हो गये हैं। इन सभी हस्तियों ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित भाजपा के स्टार प्रचारक और अन्य लोग आगामी चुनावों से पहले ही राज्य में सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं।