कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आश्चर्य जताया कि अगर केंद्र सरकार सरकारी नौकरियों में ऊंंची जाति के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण की मंजूरी देती है तो क्या सब कुछ संभव होगा।
सुश्री बनर्जी ने एक बयान में कहा, “अगर कमजोर वर्ग को नौकरी मिलती है, तो मुझे बहुत खुशी होगी। पहले सरकार यह स्पष्ट तो करें कि इस आरक्षण को अमल में लाया जायेगा या नहीं, यह संवैधानिक रूप से मान्य होगा या नहीं, यह विधिसम्मत होगा या नहीं अथवा यह संभव होगा भी कि नहीं।” उन्होंने कहा कि वह चाहती है कि इसका उचित क्रियान्वयन हो तथा युवाओं को राजनीतिक या चुनावी लाभ के लिए धोखा नहीं दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “पहले वे (केंद्र) कानून का अवलोकन करें। संवैधानिक रूप से शीर्ष अदालत का फैसला है कि आरक्षण को कोटा 50 प्रतिशत की सीमा से पार न हो। हमने कैबिनेट के दस्तावेजों और वेबसाइट पर देखा कि सरकार आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करना चाहती है।” उन्होंने कहा कि वह इस आरक्षण को अपना समर्थन देंगी , अगर वह इसके क्रियान्वयन को लेकर सरकार के रूख से संतुष्ट होंगी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि सरकार आगामी 15-20 दिनों में आरक्षण को लागू किये जाने की तिथि की घोषणा करेगी।