छतरपुर । यदि मन में कुछ कर गुजरने की चाहत और जज्बा हो तो कोई भी अशक्तता आड़े नहीं आती। बेमिसाल हौसले और जज्बे की धनी मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की रहने वाली ममता पटेल को पढ़ाई का ऐसा जुनून है कि जन्म से ही उसके दोनों हाथ न होने पर भी उसने स्कूल की पढ़ाई पैर से लिख कर पूरी की।
एक छोटे से अविकसित हाथ के साथ ममता अब छतरपुर के प्रतिष्ठित महाराजा महाविद्यालय से बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा दे रही है। वह अपने बाएं पैर से लिखती है। महाराजा कॉलेज में काउंसलर एवं वाणिज्य विभाग में पदस्थ डॉ. सुमति प्रकाश जैन ने बताया कि उन्होंने ममता की लगन देख उसका हरसंभव सहयोग करने की बात कहते हुए उसका हौसला बढ़ाया।
राजनगर तहसील के तिलवांपरा के किसान देशराज पटेल की इकलौती बेटी ममता के एक बड़ा और एक छोटा भाई है। ममता ने बताया कि जन्म से ही उसके दोनों हाथ नहीं है। उसने अपनी इस समस्या को चुनौती समझ कर स्वीकार किया और बचपन से पैर से लिखने का अभ्यास किया। पिछले वर्ष 12वीं की परीक्षा उसने द्वितीय श्रेणी के साथ पास की।
महाविद्यालय की नियमित छात्रा के रूप में पढ़ाई करने वाली ममता को उसके चाचा हर पेपर में 18 किलोमीटर दूर तलवांपरा से परीक्षा दिलाने महाराजा कॉलेज लाते हैं। ममता ने बताया कि वह पढ़ लिख कर नौकरी करना चाहती है, ताकि अपने पैरों पर खड़े होकर माता-पिता की चिंता दूर कर सके।