मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने बलात्कार के आरोपी को 14 साल का कारावास एवं तीन लाख का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार चार नवम्बर 2009 को 16 साल की किशोरी की मुलाकात राशिद से हुई थी। पीड़िता का यौन शोषण करने की नियत से राशिद ने जून 2010 में उससे निकाह का झांसा देकर अपहरण कर लिया था और जमुना बिहार कालोनी में उसे स्टूडेन्ट बता कर न केवल कमरा दिलवा दिया बल्कि उसके साथ कई बार दुष्कर्म भी किया।
उसने जब निकाह के लिए जोर दिया तो 10 अगस्त 2010 राशिद, उसका भाई जीशान, चचेरा भाई सलमान, दोस्त विष्णु चायवाला और कान्हा चायवाला उसे जयगुरूदेव मन्दिर के आगे आफिसनुमा इमारत में ले गए जहां विवाह अधिकारी का बोर्ड टंगा था।
इसके बाद वहा एक रजिस्टर में उसके, राशिद एवं गवाहों के दस्तखत कराकर यह कहा कि अब उसकी कोर्ट मैरिज हो गई है। इसके बाद राशिद उसका शौहर बनकर उससे संबंध बनाता रहा जिससे 3 अक्टूबर 2012 को उसे अयान नामक बेटा हुआ तथा रिपोर्ट लिखाते समय वह आठ माह की गर्भवती थी जब कि राशिद एक बार उसका जबरन गर्भपात भी करा चुका था।
24 अक्टूबर 2013 को पीड़िता तहरीर के आधार पर मथुरा कोतवाली में धारा 263, 366, 376, 420,506, 313 ,120बी आईपीसी के अन्तर्गत राशिद, उसके पिता हसमत, मां मुन्नी,भाई जीशान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष चतुर्वेदी ने बताया कि न्यायाधीश ने आरोप सिद्ध न होने पर अभियुक्त हसमत, मुन्नी, जीशान, सलमान एवं कान्हा को दोषमुक्त कर दिया। सजा के बिन्दु पर अभियुक्त राशिद के वकील ने उसकी सजा कम करने का अनुरोध यह तर्क देकर दिया कि वह गरीब है तथा यह उसका प्रथम अपराध है जब कि सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चतुर्वेदी का कहना था कि अभियुक्त राशिद ने छल करके पीड़िता से संबंध बनाए जिससे उसका सम्पूर्ण जीवन नष्ट हो चुका है इसलिए अभियुक्त को आजीवन कारावास जैसा कठोर दण्ड दिया जाना न्याय हित में होगा।
न्यायाधीश के आदेश में कहा गया है कि यदि अभियुक्त जुर्माना अदा नहीं करता है तो जुर्माने की राशि सरकार बतौर मुआवजा पीड़िता को देगी। अभियुक्त राशिद पर जिन धाराओं पर जुर्माना लगाया गया है यदि उन धाराओं के जुर्माने की राशि वह अदा नहीं कर पाता है तो उस धारा की सजा की चौथाई सजा उसे और भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।