चूरू। राजस्थान के चूरू में 10 वर्षीय बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म किए जाने के वर्ष पुराने एक मामले में पोक्सो एक्ट की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने गुरुवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 20 हजार रूपए केअर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया।
विशिष्ट लोक अभियोजक वरूण सैनी ने बताया कि राजगढ़ थाना में बालिका के अपहरण और दुष्कर्म का मामला 3-4 फरवरी 2020 की रात को दर्ज हुआ था। पीड़ित बालिका का परिवार मूल रूप से इटावा उत्तर प्रदेश का निवासी है। यह परिवार वर्ष 2013 में सादुलपुर के समीप एक ढाणी में आकर रहने लगा था।
3 फरवरी 2020 की रात्रि 8-9 बजे बालिका की मां की तबीयत खराब हो गई। वह मां के लिए दवा व अन्य सामान लाने के लिए घर के नजदीक एक दुकान पर गई थी। सामान लेकर वापस आ रही थी तो अकरम काजी टॉफी काज्ञलालच देकर पास में एक खाली खण्डहर में ले गया। जहां बालिका से बुरी तरह मारपीट की और दुष्कर्म किया।
बाद में उसे जान से मारने की नियत से सिर पर पत्थर मारा। बालिका बेहोश हो गई। अकरम ने मृत समझकर उसे पत्थरों के नीचे दबा दिया और फरार हो गया। देर रात्रि को 11 बजे बालिका को होश आ गया। उसके रोने की आवाज सुनकर लोगों ने उसे संभाला। एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।
तत्कालीन थाना प्रभारी स्व.सीआई विष्णुदत्त बिश्नोई ने घटना के लगभग घंटे भर बाद ही अकरम काजी को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अकरम काजी पुलिस को चकमा देकर थाने से फरार भी हो गया था। पुलिस ने कड़ी दौड़ धूप कर उसे पुनः गिरफ्तार कर लिया।
इस लापरवाही के लिए थाने के हेड मोहर्रिर गिरधारीलाल तथा संतरी बलवीर को निलंबित कर दिया गया। अनेक सामाजिक संगठनों ने तत्कालीन उपखण्ड अघिकारी इन्द्राजसिंह काजला को ज्ञापन सौंपकर आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनें की मांग की।
संयुक्त व्यापार मण्डल ने एक बाजार को पूर्णतया बन्द भी रखा। विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि तमाम गवाहों के बयानों और साक्ष्य की रोशनी में अकरम काजी (20) को न्यायाधीश ने आज दण्डित किया। उसे आजीवन कारावास की सजा देते हुए 20 हजार का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना अदा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।