हरदोई। उत्तर प्रदेश में हरदोई जिले की एक अदालत ने 6 साल की मासूम पुत्री के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन कारावास और 37 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
अदालत में पीड़िता और वादनी दोनों आरोपी के खिलाफ गवाही से पलट गए लेकिन मेडिकल रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच में मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि होने पर अदालत ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर उसे सजा सुनाई है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पास्को कोर्ट की न्यायधीश निरुपमा विक्रम की अदालत में हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अमित कुमार शुक्ल ने बताया कासिमपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने सुरेंद्र रैदास को अदालत ने उसको अपनी पुत्री के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। नौ अक्टूबर 2020 को इसकी पत्नी द्वारा आरोपी के खिलाफ छह साल की अपनी मासूम पुत्री के साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था।
पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार जब वह किसी काम से बाहर गई थी उसी दौरान उसके पति द्वारा उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। महिला ने अपने पति के ही खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था और बालिका का मेडिकल कराने के अलावा घटनास्थल की फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच की गई थी। पुलिस ने इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पास्को कोर्ट की अदालत में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
अदालत में अभियोजन पक्ष की और से विशेष लोक अभियोजक अमित कुमार शुक्ला द्वारा इस मामले में मासूम बालिका और मुकदमे की वादनी की गवाही कराई गई लेकिन अदालत में दोनों आरोपों से पलट गई जिसके बाद अभियोजन पक्ष के विशेष अभियोजक द्वारा बालिका की मेडिकल रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश पास्को कोर्ट में जिरह की गई।
बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा भी वादिनी और पीड़िता के गवाही से पलट जाने के बाद जिरह की गई। अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों जिरह सुनने के बाद मेडिकल रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को अपनी पुत्री के साथ दुष्कर्म का दोषी मानते हुए अलग-अलग आरोपों में तीन सजा और तीन अर्थदंड सुनाई है और सभी सजा एक साथ दिए जाने का निर्णय दिया है।