झुंझुनूं। राजस्थान में झुंझुनूं के पोक्सो न्यायालय ने शनिवार को ढाई वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रूपए जुर्माना की सजा सुनाई।
लोक अभियोजक लोकेन्द्रसिंह अभियोजन के अनुसार जिले के नवलगढ़ थानान्तर्गत गांव बड़वासी में गत 21 मार्च की शाम को अपने मामा के भरोसे ढ़ाई साल की मासूम बेटी को घर पर छोड़कर परिवारजनों के साथ मंदिर चली गई। पीछे से मौका पाकर रिश्ते में बच्ची के नाना ने मानवता को शर्मसार करने वाले जघन्य कांड को अंजाम दिया और बच्ची को तड़पता छोड़कर फरार हो गया।
पड़ौस के किसी व्यक्ति ने घटना की सूचना अभय कमांड सेंटर झुंझुनूं को दी। कमांड सेंटर से रात्रि में नवलगढ़ पुलिस थाना में सूचना आई तो मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उपअधीक्षक सतपालसिंह को सूचित किया गया। पुलिस ने तत्परता से टीम गठित कर पहले मामले की पुष्टि की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
जांच अधिकारी उपअधीक्षक सतपालसिंह ने बताया कि लोकलाज के डर से पीड़िता बच्ची के परिजन कोई कार्यवाही नहीं चाह रहे थे। मुश्किल से उनको समझा बुझाकर बच्ची को राजकीय उपजिला अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. प्रमोद जांगिड़ व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपचंद जांगिड़ को शामिल कर मेडिकल बोर्ड गठित कर बच्ची का मेडिकल करवाया गया। जिसमें बलात्कार की पुष्टि हुई।
उन्होंने बताया कि 22 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद उसी दिन आरोपी को न्यायालय में पेश कर दिया गया था। पुलिस टीम के सक्रिय सहयोग से 17 दिन बाद आठ अप्रेल को चालान पेश कर दिया गया था। न्यायालय में चले मुकदमे में आरोपी को सजा दिलवाने में विशिष्ट लोक अभियोजक लोकेंद्रसिंह की भी विशेष भूमिका रही।