भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाडा में अपर सेशन न्यायालय ने काछोला थाने के तत्कालीन एएसआई भगवत सिंह एवं ग्रामीण भैंरू बैरवा की हत्या के मुख्य आरोपी को आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अपर लोक अभियोजक गोपाल गाडरी ने बताया कि 13 साल पहले आरोपित गोपाल गुर्जर ने सालमपुरा के भैंरू बैरवा को जान से मारने की धमकी देते हुए प्रताड़ित किया था। इसे लेकर भैंरू बैरवा ने काछोला थाने में परिवाद पेश किया। इसकी जांच एएसआई भगवत सिंह को सौंपी गई थी।
सिंह इस परिवाद की जांच करने सालमपुरा गए थे, जहां इस परिवाद के आरोपित गोपाल गुर्जर एवं फौरी ने षड्यंत्र रचकर एएसआई भगवत सिंह एवं भैंरू बैरवा की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरु की।
उधर, हत्या के बाद आरोपित गोपाल गुर्जर फरार हो गया था।इस हत्याकांड में गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने अपनी पहचान छिपाई। वह चोरी के एक मामले में देवगढ़ थाने में पकड़ा गया, तब उसने खुद को कैलाश गुर्जर बताया था। इसी नाम से वह गिरफ्तार हुआ। इस मामले में वह कैलाश के नाम से जेल भेज दिया गया।
बाद में वह जेल से फरार हो कर मोखमसिंह डकैत की गैंग में शामिल हो गया। एक बार फिर वह पुलिस के हत्थे चढ़ा और अजमेर सेंट्रल जेल भिजवा दिया गया। आरोपित के नाम बदलकर पहचान छिपाने की सूचना पर स्थानीय पुलिस ने उसे अजमेर जेल से दोहरे हत्याकांड में गिरफ्तार किया था। पुलिस जांच में इसके हाथ पर गोपाल गुर्जर गुदा मिला।
पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपित गोपाल गुर्जर के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। एडीजे कैंप कोर्ट मांडलगढ़ ने सुनवाई की। सरकार की ओर से अपरलोक अभियोजक गोपाल गाडरी ने पैरवी करते हुए 24 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाये और 97 दस्तावेज पेश कर गोपाल गुर्जर पर लगे आरोप सिद्ध किए।
सुनवाई पूरी होने पर शुक्रवार को आरोपित गोपाल गुर्जर को इस सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।