बरेली। उत्तर प्रदेश में बरेली जिले की एक विशेष अदालत ने मासूम भतीजी से दुष्कर्म करने वाले दरिंदे ताऊ को ता उम्र जेल में रहने की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 12 मई 2019 को बच्ची की मां घर के बाहर उपले पाथ रही थी। इसी बीच तीन साल की बेटी की चीख सुनाई दी। जब बच्ची की मां घर पहुंची तो देखा कि उसका जेठ ग्वाला प्रसाद उर्फ़ ज्वाला प्रसाद भतीजी के साथ दुष्कर्म कर रहा है।
उसके पहुंचते ही वह बच्ची को छोड़कर भाग गया। गंभीर हालत में बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। अभियुक्त के खिलाफ थाना फतेहगंज पूर्वी में मामला दर्ज कराया गया था।
इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट (तृतीय) अनिल कुमार सेठ ने अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए कहा कि परिवार के किसी सदस्य द्वारा ही अपनी अबोध भतीजी के साथ इस तरह का अपराध किए जाने से परिवार के सदस्यों पर विश्वास करना अत्यंत कठिन हो जाता है।
ऐसे अपराधी को आजीवन कारावास जिसके तहत बचा हुआ प्राकृतिक जीवन हासिल है। उसे दंडित किया जाना विसंगत होगा। इसके अलावा अदालत ने अभियुक्त पर 50000 का जुर्माना भी लगाया। मामले की पैरवी सरकारी वकील हरेंद्र पाल सिंह राठौर ने की।
गौरतलब है कि मुकदमे की सुनवाई पांच मार्च 2021 से शुरु हुई और मात्र 15 दिन में अदालत ने अभियुक्त को सजा सुना दी। इस मुकदमे में पहली गवाही 5 मार्च 2021 को हुई थी और आखिर गवाही 17 मार्च को हुई यानी 13 दिन में नौ गवाहों की गवाही हुई और कल 20 मार्च को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया।