नयी दिल्ली । केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने देशभर के 97 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए शुक्रवार को यहां वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये।
गांधी ने पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिये सरकार कई योजनायें और कार्यक्रम चला रही है। उन्होेेंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश से कुपोषण को खत्म कर एक नए भारत का निर्माण करने का सपना है और कुपोषण को दूर करने के लिए चलाये जा रहे पोषण अभियान को सफल बनाकर एक स्वस्थ भारत बनाया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में अभूतपूर्व वृद्धि की है। इससे उन्हें कामकाज करने का प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। इस अवसर पर मंत्रालय में राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए चलाये जा रहे पोषण अभियान को सफल बनाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पोषण अभियान को सफल बनाने वाली महत्वपूर्ण कड़ी हैं और वे बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं।
महिला एवं बाल विकास सचिव राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि ये पुरस्कार 2000-01 में शुरू किये गए थे। तभी से हर साल श्रेष्ठ कार्य करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। इस अवसर पर संयुक्त सचिव राजेश कुमार भी मौजूद थे।
समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से पुरस्कार ग्रहण करने आईं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। ये पुरस्कार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने और बाल विकास और उससे संबंधित क्षेत्रों में अनुकरणीय सेवा देने के लिए प्रतिवर्ष प्रदान किये जाते हैं। इस वर्ष से राष्ट्रीय स्तर पर नकद पुरस्कार की धनराशि को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों को राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों द्वारा नामित पुरस्कार विजेताओं को दिया जाता हैं। पुरस्कारों की संख्या को भी दोगुना कर दिया गया है।