इंफाल । मणिपुर पुलिस ने गुरुवार रात मणिपुर विश्वविद्यालय में छापा मारकर विश्वविद्यालय परिसर से पांच प्रोफेसरों और 100 से ज्यादा छात्रों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। पुलिस ने विश्वविद्यालय के भीतर और छात्रावास में आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस की इस कार्रवाई में परीक्षा की तैयारी कर रहे कई विद्यार्थी गंभीर रूप से घायल हो गये। परीक्षाओं और सामान्य शैक्षणिक गतिविधि के लिए मणिपुर विश्वविद्यालय लौटे सैंकड़ों छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया जिसके कारण उन्हें वापस जाना पड़ा।
इंटरनेट सेवाओं पर अचानक से लगायी गयी रोक को लेकर भी विद्यार्थियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है क्योंकि इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने से पहले इसकी घोषणा नहीं की गयी। इससे पहले भी मणिपुर विश्वविद्यालय में जब संकट गहराया था तो पांच दिन के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गयी थी।
छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति ए. एस. पांडेय को हटाने को लेकर किया गया आंदोलन उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजने और संस्थान द्वारा उनके खिलाफ जांच के आदेश के बाद स्थगित कर दिया गया था। प्रोफेसर पांडेय के खिलाफ जांच शुरू हो गयी थी और उन्हें समिति के सामने पेश होने का आदेश दिया गया था।
प्रोफेसर पांडेय ने अपने निलंबन और छुट्टी पर जाने के बाद एक रजिस्ट्रार और प्रति उपकुलपति की नियुक्ति की जिसे लेकर भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है क्योंकि कुलपति अपने निलंबन के दौरान प्रति उपकुलपति की नियुक्ति नहीं कर सकता। इसी तरह रजिस्ट्रार की नियुक्ति भी छुट्टी पर रहते हुए नहीं की जा सकती।
विद्यार्थियों ने बताया कि प्रोफेसर पांडेय द्वारा नियुक्त किये गये दोनों अधिकारियों ने गुरुवार को बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों के साथ विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश कर अपना प्रभार संभालने का प्रयास किया था।