नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विरोध में ‘भ्रामक’ ट्वीट पोस्ट करने के मामले में उप मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदियों को क्लीन चिट देने से सोमवार को इन्कार कर दिया एवं दिल्ली पुलिस आयुक्त को इस मामले में 17 मार्च तक नई रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।
अपर मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा ने मामले की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है। इसके साथ ही मनीष सिसोदिया की मुश्किलों में इजाफा होने के भी संकेत हैं। न्यायालय ने पुलिस आयुक्त से ताजी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है जिसके कारण सिसोदिया की परेशानी बढ़ सकती है।
इस मामले में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सिसोदिया के ट्वीट का हवाला देते हुए अदालत में याचिका दाखिल की थी। श्रीवास्तव के मुताबिक सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा चुनाव में हार के डर से दिल्ली में आग लगा रही है। आम आदमी पार्टी किसी भी हिंसा के खिलाफ है। इस वीडियो में दिख रहा है कि आप (भाजपा के लाेग) किस तरह पुलिस संरक्षण में आग लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के मसले पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में हिंसक झड़पों के बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया था। उस वीडियो के साथ सिसोदिया ने एक ट्वीट किया था जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था।