श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर की पुलिस ने कथित फिल्म डायरेक्टर मंजुल कपूर को आठ वर्ष पुराने लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने के एक मामले में गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने उसे मुंबई से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर आज श्रीगंगानगर लाया गया। उससे कड़ी पूछताछ आरंभ कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय जवाहरनगर थाना में श्रीगंगानगर के एक कपड़ा व्यापारी भोजराज ने 15 सितंबर 2012 को उसके खिलाफ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया था।
जवाहरनगर थाना पुलिस ने अनुसंधान के पश्चात प्रकरण में एफआर लगा कर न्यायालय में पेश कर दी थी, इसके बाद भोजराज ने एफआर को अदालत में चुनौती दी। अदालत ने इस मामले में दोबारा जांच करने के आदेश दिए। इस मामले की दोबारा जांच पुरानी आबादी थाना प्रभारी को सौंप गई हैं और इसमें मंजुल कपूर को धोखाधड़ी का दोषी माना गया हैं।
इसके बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए पिछले सप्ताह सहायक उपनिरीक्षक सुभाष मीणा की अगुवाई में पुलिस दल को मुंबई भेजा गया। पुलिस दल ने मुंबई में मीरा भायंदर रोड पर स्थित गोल्डन नेस्ट सोसायटी निवासी मंजुल कपूर को हिरासत में लेकर मुंबई के नवघर पुलिस थाने में एक रात रखने के पश्चात अगले दिन मुंबई की एक अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया।
पुलिस के मुताबिक मंजुल कपूर पर आरोप है कि उसने वर्ष 2012 में `गौरेया’ नाम से फिल्म की कहानी सुनाकर भोजराज से फिल्म निर्माण के लिए 25-26 लाख रुपए ले लिए। मंजुल ने यह फिल्म बनाई ही नहीं। उसने गौरेया फिल्म की कहानी सुनाकर अन्य कई और लोगों से भी रुपए ले लिए। इनमें कानपुर की एक महिला सहित दो व्यक्ति शामिल हैं, जिन से 15 लाख रुपए ले लिए। मंजुल कपूर मूल रूप से कानपुर का निवासी है।