नयी दिल्ली । ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के जोस बटलर को रनआउट करने के बाद जिस मांकेडिड नियम की इस समय जबरदस्त चर्चा हो रही है वह पूर्व भारतीय ऑलराउंडर वीनू मांकड के नाम पर रखा गया था।
बात दिसंबर 1947 में भारत के आस्ट्रेलिया दौरे की है। मांकड ने आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ बिल ब्राउन को उस समय रनआउट कर दिया था जब वह नॉन स्ट्राइकर एंड पर क्रीज़ से बाहर खड़े दिखाई दे रहे थे। मांकड ने खुद को गेंदबाजी करने से रोका और ब्राउन को रनआउट कर दिया। मांकड ने ब्राउन को दो बार इसी अंदाज़ में रनआउट किया था। पहला वाक्या अभ्यास मैच में हुआ था और दूसरा सीरीज़ के दूसरे टेस्ट में हुआ था।
मांकड को इसके बाद आस्ट्रेलियाई मीडिया से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था लेकिन आस्ट्रेलियाई लीजेंड और टेस्ट इतिहास के महानतम बल्लेबाज़ डॉन ब्रैडमैन ने भारतीय खिलाड़ी का बचाव किया था। भारत के क्वींसलैंड के खिलाफ मैच में यह वाक्या हुआ था जिसके बाद मांकड की खेल भावना पर सवाल उठाया गया था। लेकिन ब्रैडमैन ने कहा था,“ मैं यह नहीं समझ पा रहा था कि यह सवाल क्यों उठाया गया। क्रिकेट का नियम साफ कहता है कि नॉन स्ट्राइकर एंड पर बल्लेबाज़ को तब तक अपनी निर्धारित रेखा के अंदर रहना चाहिये जब तक गेंद नहीं फेंकी जाती।”
ब्रैडमैन ने अपनी आत्मकथा में लिखा था,“ अपने पूरे जीवन मैं यह समझ नहीं पाया कि प्रेस ने मांकड की खेल भावना पर सवाल क्यों उठाया। क्रिकेट का नियम साफ कहता है कि नॉन स्ट्राइकर एंड के बल्लेबाज़ को अपनी सीमा में रहना चाहिये। यदि ऐसा नहीं है तो यह नियम क्यों रखा गया है कि बल्लेबाज़ों को इस तरह आउट किया जा सके। नॉन स्ट्राइकर एंड से बाहर निकलकर बल्लेबाज़ अनुचित फायदा उठाने की कोशिश करता है।”
मांकड जैसा काम अश्विन ने आईपीएल मुकाबले में किया। किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान अश्विन ने राजस्थान रायल्स के बल्लेबाज़ जोस बटलर को मांकड के अंदाज़ में आउट कर दिया जिसके बाद मांकेडिड शब्द फिर से सुर्खियों में आ गया है। क्रिकेट के नियमों को देखने वाली संस्था मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने अपनी नियम पुस्तिका में लिखा है कि गेंदबाज़ को उस बल्लेबाज़ को आउट करने की अनुमति है जो नॉन स्ट्राइकर एंड पर अपनी जगह छोड़कर निर्धारित रेखा से आगे जा चुका होता है।