नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा छात्रों से कहा है कि उन्हें चिंतित होने की बजाय एक योद्धा की तरह परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में अपने सम्बोधन में कहा कि आने वाले कुछ महीने छात्रों के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। इस दौरान अधिकतर युवा साथियों की परीक्षाएं होंगी। ऐसे में उन्हें ‘वॉरियर’ बनना है ‘वरीयर’ नहीं । छात्रों को हँसते हुए परीक्षा देने जाना है और मुस्कुराते हुए लौटना है । किसी और से नहीं, अपने आप से ही स्पर्धा करनी है।
मोदी ने छात्रों को नसीहत देते हुए कहा कि युवा साथियों को परीक्षा के दौरान पर्याप्त नींद भी लेनी है, और समय का प्रबंधन भी करना है। खेलना भी नहीं छोड़ना है, क्योंकि जो खेले वो खिले। उन्होंने कहा कि छात्रों को तैयारियों का पूर्वाभ्यास और याद करने के कुशल तरीक़े अपनाने चाहिए ताकि और सर्वश्रेष्ठ को बाहर लाया जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हम सब ‘परीक्षा पे चर्चा’करेंगे लेकिन मार्च में होने वाली ‘परीक्षा पे चर्चा’ से पहले मेरी आप सभी छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से निवेदन है कि अपने अनुभव, अपने सुझाव ज़रूर साझा करें।
उन्होंने कहा कि इस बार की ‘परीक्षा पे चर्चा’ में युवाओं के साथ-साथ, अभिभावक और शिक्षक भी आमंत्रित है। इसमें कैसे भाग लेना है और पुरस्कार कैसे जीतने है, कैसे मेरे साथ चर्चा का अवसर पाना है, ये सारी जानकारियां आपको ‘माय जीओवी’ एप पर मिलेंगी।
मोदी ने बताया कि अब तक एक लाख से अधिक विद्यार्थी, करीब 40 हजार अभिभावक और क़रीब 10 हजार शिक्षक इसमें भाग ले चुके हैं। उन्होंने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में सबको भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए छात्रों को आने वाली परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं दीं।