नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती पर 14 अप्रेल से ‘ग्राम-स्वराज अभियान’ शुरू किया जा रहा है जिसके तहत एक ऐसा ‘न्यू इंडिया’ बनाया जाएगा जिसमें गरीबों और पिछड़ों को आगे बढ़ने का अवसर मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री ने अाकाशवाणाी से प्रसारित अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 42वें संस्करण में कहा कि दलित, गरीब और पिछड़ा होने के कारण बाबा साहब को अवसर से वंचित रखने का प्रयास किया गया था लेकिन नए भारत में ऐसा नहीं हो इसके लिए ‘न्यू इंडिया’ की संकल्पना की गयी है। गरीबों के कल्याण के लिए सरकार बाबा साहब की जयंती से ‘ग्राम-स्वराज अभियान’ का अयोजन कर रही है।
उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया की तस्वीर बिलकुल अलग है। एक ऐसा भारत जो अम्बेडकर का है, ग़रीबों का है, पिछड़ों का है। डॉ अम्बेडकर की जन्म जयंती के अवसर पर 14 अप्रेल से पांच मई तक ‘ग्राम-स्वराज अभियान’ आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत पूरे भारत में ग्राम-विकास, ग़रीब-कल्याण और सामाजिक-न्याय पर अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। मेरा, आप सभी से आग्रह है कि इस अभियान में बढ़-चढ़ करके हिस्सा लें।
मोदी ने कहा कि अम्बेडकर ने भारत को औद्योगिक सुपर पावर होने का सपना देखा था और इसके लिए उन्होंने जो दृष्टि दी वह हमारे लिए प्रेरणा है। भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में आज एक प्रमुख देश के रूप में उभरा है। पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में आ रहा है। पूरा विश्व भारत को निवेश और विकास के लिए हब के रूप में देख रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शासन के हर पहलू में सहकारी संघवाद, और उससे आगे बढ़ करके प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद के मन्त्र को अपनाया है। सबसे महत्वपूर्ण बात कि डॉ अम्बेडकर पिछड़े वर्ग से संबंधित मुझ जैसे करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं।
उन्होंने हमें दिखाया है कि आगे बढ़ने के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि बड़े या किसी अमीर परिवार में ही जन्म हो बल्कि भारत में ग़रीब परिवारों में जन्म लेने वाले लोग भी अपने सपने देख सकते हैं, उन सपनों को पूरा करने का प्रयास कर सकते हैं और सफलता भी प्राप्त कर सकते हैं।
हां, ऐसा भी हुआ जब बहुत से लोगों ने डॉ० बाबा साहब का मज़ाक उड़ाया। उन्हें पीछे करने की कोशिश की। हर संभव-प्रयास किया कि ग़रीब और पिछड़े परिवार का बेटा आगे न बढ़ पाए, कुछ बन न पाए, जीवन में कुछ हासिल न कर पाए।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने भारत के औद्योगिकीकरण की बात कही थी। उनके लिए उद्योग एक ऐसा प्रभावी-माध्यम था जिसमें ग़रीब-से-ग़रीब व्यक्ति को रोज़गार उपलब्ध कराया जा सकता था। आज जब देश में ‘मेक इन इंडिया’ का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है तो उसकी बुनियाद में डॉ अम्बेडकर के औद्योगिक महाशक्ति के रूप में भारत काे देखने का सपना है।
मोदी ने कहा कि शहरीकरण का सपना भी डॉ अम्बेडकर का ही था और उसी सपने के अनुरूप आज देश में स्मार्ट सिटीज मिशन और शहरीकरण मिशन की शुरुआत की गई है। इसका मकसद देश के बड़े नगरों और छोटे शहरों में अच्छी सड़कें, पानी, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा आदि उपलब्ध कराना है।
बाबा साहब का आत्मनिर्भरता में दृढ़ विश्वास था और वे नहीं चाहते थे कि कोई व्यक्ति हमेशा ग़रीबी में अपना जीवन जीता रहे। बाबा साहब यह भी मानते थे कि ग़रीबों में सिर्फ़ कुछ बाँट देने से उनकी ग़रीबी दूर नहीं की जा सकती। बाबा साहब की इसी अवधारणा से प्रेरित होकर आज मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने सिर्फ सड़कों और रेलवे की बात नहीं की थी बल्कि बंदरगाहों और जलमार्गों के बारे में भी बात की थी। जल-शक्ति को उन्होंने राष्ट्र-शक्ति के रूप में देखा और विकास के लिए पानी के उपयोग पर बल दिया। उन्हीं के अनुरूप चलकर आज देश में नदी घाटी प्राधिकरण, जल से संबंधित अलग-अलग आयोग काम कर रहे हैं। देश में जलमार्ग और बंदरगाहों के लिए ऐतिहासिक प्रयास किए जा रहे हैं।