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मोटे अनाज पर भारत की पहल का दुनिया ने किया समर्थन : मोदी - Sabguru News
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मोटे अनाज पर भारत की पहल का दुनिया ने किया समर्थन : मोदी

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मोटे अनाज पर भारत की पहल का दुनिया ने किया समर्थन : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारतीय खानपान की शैली में मोटे अनाज का बहुत महत्व है और उन्हें लगता है कि देश में आने वाले विदेशी मेहमान को मोटे अनाज से बना भोजन कराकर भारतीय संस्कृति का एहसास कराना चाहिए।

मोदी ने आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 92वीं कड़ी में आज कहा कि उन्हें चेन्नई से श्रीदेवी वर्दराजन जी ने लिखा ‘नए साल के आने में अब पांच महीने से भी कम समय बचा है और हम सब जानते हैं कि आने वाला नया साल इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलट के तौर पर मनाया जाएगा। उन्होंने मोदी देश को एक मिलट मैप भी भेजा है। साथ ही पूछा है कि क्या आप ‘मन की बात’ में, आने वाले एपिसोड में इस पर चर्चा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मुझे, अपने देशवासियों में इस तरह के जज्बे को देखकर बहुत ही आनन्द की अनुभूति होती है। आपको याद होगा कि संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव पारित करके वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर आफ मिलट’ घोषित किया है। आपको ये जानकर भी बहुत ख़ुशी होगी कि भारत के इस प्रस्ताव को 70 से ज्यादा देशों का समर्थन मिला था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की इस पहल के कारण आज, दुनिया भर में, इसी मोटे अनाज का क्रेज़ बढ़ता जा रहा है। मोदी ने मोटे अनाज को भारतीय खानपान का अहम हिस्सा बताया और कहा कि वह चाहते हैं कि दुनिया का कोई भी नेता उनसे मिलने आए तो भारतीय खानपान मैं अनिवार्य रूप से सम्मिलित मोटे अनाज के बारे में उन्हें जानकारी दें और उन्हें भी भारतीय जनमानस के इस भोजन के स्वाद से अवगत कराएं।

उनका कहना था कि मोटा अनाज प्राचीन काल से भारतीय जनमानस का प्रिय आहार रहा है और इससे जो पौष्टिक तत्व उसे मिले हैं वह असाधारण है और अन्यत्र इस तरह की पौष्टिकता जनमानस की आहार शैली में नहीं है।

उन्होंने मोटे अनाज को लेकर अपने एक प्रयास का जिक्र करते हुए कहाकि पिछले कुछ समय से भारत में कोई भी जब विदेशी मेहमान आते हैं, राष्ट्राध्यक्ष भारत आते हैं तो मेरी कोशिश रहती है कि भोजन में भारत के मिलेट यानी हमारे मोटे अनाज से बनी हुई डिशेस बनवाऊं और अनुभव यह रहा है कि इन महानुभावों को, यह डिशेस, बहुत पसंद आती है, और हमारे मोटे अनाज के संबंध में काफ़ी कुछ जानकारियां एकत्र करने का वो प्रयास भी करते हैं।

मोटे अनाज प्राचीन काल से ही हमारी कृषि संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा रहे हैं। हमारे वेदों मोटे अनाज का का उल्लेख मिलता है। देश के किसी भी हिस्से में जाएं, आपको, वहां लोगों के खान-पान में अलग-अलग तरह के मिलेट जरुर देखने को मिलेंगे। हमारी संस्कृति की ही तरह ही हमारे मोटे अनाज में भी, बहुत विविधताएं हैं। ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी, कुट्टू, ये सब मिलेट ही तो हैं।

भारत, विश्व में मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, इसलिए इस पहल को सफ़ल बनाने की बड़ी ज़िम्मेदारी भी हम भारत-वासियों के कंधे पर ही है। हम सबको मिलकर इसे जन आंदोलन बनाना है और देश में मिलेट्स के प्रति जागरूकता भी बढ़ानी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मोटा अनाज किसानों के लिए भी फायदेमंद हैं और वह भी खास करके छोटे किसानों को। यह फसल बहुत ही कम समय में तैयार हो जाती है और इसमें ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होती है। छोटे किसानों के लिए तो यह फसल विशेष रूप से लाभकारी है। इसके भूसे को बेहतरीन चारा भी माना जाता है।

आज की युवा-पीढ़ी स्वस्थ जीवन और स्वस्थ भोजन को लेकर बहुत संवेदनशील है। इस हिसाब से भी देखें तो मिलेट्स में भरपूर प्रोटीन, फाइबर मौजूद होते हैं। कई लोग तो इसे सुपर फ़ूड भी बोलते हैं। इसके एक नहीं अनेक लाभ हैं। ओबेसिटी को कम करने के साथ ही डियाबिटिज हैपरटेंशन और हृदय से जुड़ी बीमारियों के खतरे को भी कम करते हैं पेट और लीवर की बीमारियों से बचाव में भी मददगार हैं। कुपोषण से लड़ने में भी काफी लाभदायक हैं। देश में आज मोठे अनाज को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। इससे जुडे शोध और नवोचार पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके।

प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज की विशेषताओं को देखते हुए किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि मेरा, अपने किसान भाई-बहनों से, यही आग्रह है कि मोटे अनाज को अधिक-से-अधिक अपनाएं और इसका फायदा उठाएं। मुझे ये देखकर काफी अच्छा लगता है कि आज कई ऐसे स्टार्टअप उभर रहे हैं, जो मिलेट्स पर काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ मिलेट्स कुकीज़ बना रहे हैं, तो कुछ मिलेट पैन केक और डोसा भी बना रहे हैं।

वहीं कुछ ऐसे हैं जो मिलेट एनर्जी बार और मिलेट ब्रेकफ़ास्ट तैयार कर रहे हैं। मैं इस क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। त्योहारों के इस मौसम में हम लोग अधिकतर पकवानों में भी इसका उपयोग करते हैं। आप अपने घरों में बने ऐसे पकवानों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें, ताकि लोगों के बीच मिलेट्स को लेकर जागरूकता बढ़ाने में मदद मिले।