हरियाणा की मनु के लिये इस एक महीने में यह ISSF टूर्नामेंट का छठा स्वर्ण पदक भी है। उन्होंने सिडनी में कुल चार स्वर्ण जीते हैं जबकि मैक्सिको में सीनियर विश्वकप में दो स्वर्ण जीते थे।
पुरूष स्कीट स्पर्धा में अनंत जीत सिंह नरूका ने क्वालिफाइंग में 121 के स्कोर के साथ फाइनल में प्रवेश किया लेकिन 30 शॉट्स के फाइनल राउंड में 24 सटीक निशानों के साथ पांचवें पायदान पर रहे। चीन के शूयांग डोऊ ने 60 में से 58 सटीक निशानों के साथ स्वर्ण पदक जीते जो जूनियर विश्वकप का रिकार्ड स्कोर है।
इटली के मातियो चिती ने 52 के स्कोर के साथ रजत और निकोलो सोदी ने 42 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। टीम स्पर्धा में हालांकि अनंतजीत सिंह ने आयुष रूद्रराजू और गुरनैल सिंह गारचा की तिकड़ी के साथ स्पर्धा का रजत पदक भारत को दिला दिया। तीनों भारतीय खिलाड़ियों की तिकड़ी ने कुल 348 का स्कोर हासिल किया और इटली के 357 के स्कोर से पीछे रहे जिन्हें स्वर्ण मिला।
महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में अरूणिमा गौर ने क्वालिफाइंग में सर्वाधिक 575 के स्कोर के साथ अच्छा प्रदर्शन किया और ग्रुप में तीन भारतीय निशानेबाज़ों में सबसे आगे रहीं। मनु ने 574 और मुस्कान ने आठ महिलाओं के फाइनल में 573 का स्कोर हासिल किया।
सातवें विश्वकप स्वर्ण के लिये दांव लगा रहीं मनु हालांकि फाइनल में पांच शॉट की पहली सीरीज़ में निशाना नहीं लगा सकीं। अंत में उन्होंने प्रदर्शन सुधारा और चौथे नंबर पर रहीं जबकि अन्य भारतीय अरूणिमा सातवें पायदान पर रहीं। हालांकि इस बार मुस्कान ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और 10 पांच शॉट्स की फाइनल सीरीज़ में अपने प्रदर्शन से चीन की किन को दूसरे स्थान पर धकेल दिया।
आखिरी सीरीज़ में मुस्कान ने पांच में से चार में सटीक निशाना लगाये जबकि चीनी निशानेबाज़ का भी इस बार स्कोर बिल्कुल सटीक था, लेकिन शुरूआती प्रदर्शन की बदौलत मुस्कान ने अपना स्वर्ण पक्का कर लिया।