नई दिल्ली। दुनिया के कई देश कोरोना वायरस (कोविड-19) का वैक्सीन प्राप्त करने के लिए भारत से उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसके पीछे कारण यह है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादन केन्द्र है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात की घोषणा पहले ही कर दी थी कि संकट के इस समय में देश की वैक्सीन उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बताया कि भारत अपने पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें सहायता के तौर पर कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है।
भारत ने इस अभियान की शुरुआत 20 जनवरी को ही कर दी थी जिसके तहत पहले दिन भूटान को कोरोना वैक्सीन की 1.5 लाख खुराक जबकि मालदीव को एक लाख खुराक उपलब्ध कराई गयीं थी।
इसके बाद गुरुवार को नेपाल को 10 लाख जबकि बांग्लादेश को 20 लाख कोरोना वैक्सीन की खेप भेजी जा चुकी है। इस अभियान के तहत शुक्रवार को म्यांमार को 15 लाख, मॉरीशस को एक लाख और सेशल्स को कोरोना वैक्सीन की 50 हजार खुराक भेजी गई हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि श्रीलंका और अफगानिस्तान से नियामक संबंधी मंजूरी मिलने के बाद इन्हें भी कोरोना वैक्सीन की खेप भेजी जाएगी।
इसके अलावा अनुबंध के तहत सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, मोरक्को, बांग्लादेश और म्यांमार को भी कोरोना वैक्सीन की खेप भेजने पर काम किया जा रहा है। कोरोना वैक्सीन की घरेलू मांग को ध्यान में रखते हुए आने वाले सप्ताहों और महीनों में भी सहयोगी देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति की जाती रहेगी।
उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर पाकिस्तान की ओर से अब तक किसी प्रकार का अनुरोध नहीं किया गया है। भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति भेंट स्वरूप और व्यावसायिक ताैर पर भी कई देशों को की जाती रहेगी।