श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती समेत गुपकर घोषणापत्र 2019 पर हस्ताक्षर करने वाले कईं नेता प्रदेश से हटाए गए अनुच्छेद 370 के भविष्य को लेकर आयोजित बैठक में शामिल हुए।
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को छोड़ कर गुपकर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सभी नेता गुरुवार दोपहर को डॉ. अब्दुल्ला के निवास पर एकत्रित हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई। मीडियाकर्मियों को भी इस दौरान फोटो लेने के लिए दूरी बनाये रखने को कहा गया।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को करीब 14 महीने बाद मंगलवार को नजरबंदी से रिहा किया गया था जिसके दो दिन बाद यह बैठक आयोजित की गई। इससे पहले डॉ. अब्दुल्ला और श्रीमती महबूबा ने मुलाकात के बाद गुपकर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं की गुरुवार चार बजे बैठक बुलाई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा के अलावा बैठक में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन, भाकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एएनसी) शामिल थे। कांग्रेस भी गुप्कर घोषणा की हस्ताक्षरकर्ता थी ,लेकिन इस बार बैठक में मौजूद नहीं थी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने का निर्णय लिया था जिसके बाद एक दिन पहले यानी चार अगस्त 2019 को डॉ. फारुख ने अपने निवास पर इस गुपकर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये थे।
सर्वदलीय बैठक के दौरान पारित प्रस्ताव में कहा गया था कि सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि वे सभी जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और विशेष स्थिति की रक्षा और बचाव के अपने प्रयास में एकजुट रहेंगी।