सबगुरु न्यूज-सिरोही। कोरोना की क्रोनोलॉजी के तीसरे क्रूशियल फेज में पहुंचने के तीसरे दिन जिला प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी और तत्परता से एहतियाती कदम उठा लिए हैं। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने राजस्थान एपीडेमिक डिजिज एक्ट 1975 व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
माउण्ट आबू उपखण्ड अधिकारी डॉ रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि वहां करीब 35 लोगों को ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर कोरेंटाइन किया गया है। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले में शुक्रवार तक करीब 49 लोगों को उनकी ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर कोरेंटाइन कर दिया गया था। वहीं करीब 14 दिन पहले करेंटाइन किए गए सात लोगों को शुक्रवार को कोरोना के किसी भी तरह के सिम्पटम नहीं मिलने पर कोरेंटाइन मुक्त कर दिया गया है।
-माउण्ट आबू में संदिग्ध का आइसोलेशन
जिले का पर्यटन स्थल माउण्ट आबू प्रशासन के लिए एहतियात के लिए सबसे ज्यादा रडार पर रहा। यहां कोरोंना प्रभावित देशों और राज्यों से लोगों की आवाजाही की आशंका ज्यादा रहती है। यहां पर प्रशासन ने शुरूआती स्क्रीनिंग के बाद ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर 35 लोगों को कोरेंटाइन किया है। वहीं एक संदिग्ध का सेंपल भेजा है।
उपखण्ड अधिकारी डॉ गोस्वामी ने बताया कि जिस संदिग्ध के सेंपल जांच के लिए भेजे हैं उसे ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर आइसोलेशन में रखा गया था, उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने की भी काफी संभावना है।उन्होंने बताया कि क्वारंटाइन लोगों की सूचना लोगों में शेयर की जाएगी ताकि वह बाहर आएं तो उनसे मिले भी नहीं और उन्हें 14 दिनों तक घर में ही रहने के लिए प्रेरित भी करें। इधर, माउण्ट आबू में शनिवार को पर्यटकों की आवक की संभावना को देखते हुए लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे, जिससे हर एहतियात बरती जा सके।
-सात लोगों को किया कोरेंटाइन मुक्त
सीएमएचओ डॉ राजेशकुमार ने बताया कि शुक्रवार तक 7 लोगों को 14 का होम कोरेंटाइन पीरीयड पूरा होने के बाद कोरेंटाइन फ्री कर दिया गया है।
सबसे पहले तो यह समझिए की होम कोरेंटाइन है क्या? दरअसल, जिला प्रशासन जिले भर में हर घर में लोगो की स्क्रीनिंग कर रहा है। इस स्क्रीनिंग में उसके सदी, जुकाम, खांसी की पीड़ा के साथ उसकी ट्रेवल हिस्ट्री की जानकारी ली जा रही है।
यदि कोई व्यक्ति कोरोना प्रभावित देश या राज्य से आया हुआ होता है तो उसे होम कोरेंटाइन में रखा जाता है। होम कोरेंटाइन में एक तरह से उसे उसके ही घर में अपने ही घर वालों से दूर रहने और घर से बाहर नहीं निकलने के लिए प्रेरित किया जाता है। उसे बताया जाता है कि यदि वह ऐसा करेगा तो उसके अपने संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे। ऐसा 14 दिन के लिए किया जाता है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग का दल उसके शारीरिक अपडेट की सूचना लेता रहता है।
घर के लोगों से निश्चित दूरी बनाते हुए कोरेंटाइन व्यक्ति हर वो काम कर सकता है जो वह घर में रहकर सामान्य दिनों में करता है। 14 दिनों में कोरोना से संबंधित कोई लक्षण नहीं दिखाई देते तो उसे जांच करके कोरेंटाइन मुक्त कर दिया जाता है। शनिवार को एहतियातन होम कोरेंटाइन किए जाने वाले लोगों को संख्या बढ़ी है, अंतिम आंकड़े आने बाकी है।
-राजस्थान को बचाने के लिए गौरवांवित
होम कोरेंटाइन किसी को बंदिश नहीं लगे इसके लिए उसे गौरवांवित करने की व्यवस्था रखी गई है। लोगों से भी उसे गौरव की नजर से देखने के लिए प्रेरित किया जाने का अनुरोध किया जाना चाहिए। इसी कारण होम कोरेंटाइन रखने जाने वाले व्यक्ति के हाथ पर की हथेली के पीछे चुनाव में उपयोग होने वाली स्याही से ‘प्राउड टू प्रोटेक्ट राजस्थान, होम कोरेंटाइन’ की मोहर लगाने की भी व्यवस्था की गई है ताकि एहतियातन कोरेंटाइन किए गए व्यक्ति को यह गौरव होवे कि वह राजस्थान के करोड़ों लोगों की जिंदगी बचाने के लिए घर से बाहर नहीं निकल रहा है।
जो इसके लिए तैयार नहीं होता उसके लिए राजस्थान एपीडेमिक डिजिज एक्ट 1975 व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सख्ती का भी प्रावधान है। लेकिन, फिलहाल जागरूक और समर्पित लोगों में इसकी जरूरत नहीं पड़ रही। वैसे इसके तहत कोरेंटाइन किए गए व्यक्ति के घर के बाहर इस बात का नोटिस लगाने का भी प्रावधान है जिससे दूसरे लोगों को भी जानकारी हो सके कि कौन व्यक्ति कोरेंटाइन है और उससे कब तक दूरी बनाए रखने की आवश्यकता है। जिससे दूसरे लोगों को किसी भी संभावित संक्रमण से बचाया जा सके।